Bulldozer Demolition: आज (2 सितंबर) तीन राज्यों में बुलडोजर एक्शन के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई।
सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ बुलडोजर एक्शन पर सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने सोमवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि सिर्फ आरोपी होने के आधार पर किसी व्यक्ति के घर को बुलडोजर से गिराना उचित नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों और प्रशासन की कार्यवाही पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा है कि यदि कोई व्यक्ति दोषी भी है तो उसका घर एक तरफा कार्रवाई कर नहीं गिराया जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार 2 सितंबर को बुलडोजर एक्शन के खिलाफ मामलों की सुनवाई करते हुए की बेंच के सामने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलीलें पेश की। मेहता ने कोर्ट को बताया कि इस तरह की जो भी कार्यवाहियों की गई है वह म्युनिसिपल एक्ट के अनुसार ही की गई है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि जमीन पर अवैध कब्जा के मामलों में नगर पालिका नगर निगमन द्वारा नोटिस देने के बाद ही कार्यवाही की गई है। इस पर जस्टिस विश्वनाथन ने सरकार से विस्तृत रूप से जवाब मांगा है। कोर्ट ने नोटिस कार्यवाही और अन्य पर सरकार को जवाब देने के निर्देश दिए हैं।
दिशा-निर्देश होंगे जारी
कोर्ट ने ये भी कहा कि, सभी पक्षों को सुनने के बाद हम इस मामले में दिशा-निर्देश जारी करेंगे, जो पूरे देश में जारी होगा। इस संबंध में नई गाइडलाइन बनाए जाने की जरूरत है।
17 सितंबर को होगी अगली सुनवाई
इस मामले में अब अगली सुनवाई 17 सितंबर को की जाएगी। दरअसल, बुलडोजर एक्शन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई थी। इन्हीं याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी की है।
बुलडोजर चलाने पर रोक लगाने की मांग
जमीयत उलेमा ए हिन्द ने याचिका दाखिल कर सरकार द्वारा आरोपियों के घरों पर मनमाने ढंग से बुलडोजर चलाने पर रोक लगाने की मांग की थी।
इस याचिका में यूपी, मध्यप्रदेश और राजस्थान में हाल में हुई बुलडोजर कार्रवाइयों का उल्लेख किया गया है, जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाए जाने का आरोप लगाया गया है।
हाल ही में चलाए गए बुलडोजर
एमनेस्टी इंटरनेशनल की फरवरी 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल 2022 से जून 2023 के बीच दिल्ली, असम, गुजरात, एमपी और यूपी में सांप्रदायिक हिंसा के बाद 128 संपत्तियों पर बुलडोजर चलाया गया।
एमपी में एक आरोपी के पिता की संपत्ति पर बुलडोजर चलाया गया था। मुरादाबाद और बरेली में भी कई घरों पर बुलडोजर चलाया गया।
राहुल गांधी ने कहा- देश संविधान से चलेगा, सत्ता के चाबुक से नहीं
भाजपा की असंवैधानिक और अन्यायपूर्ण ‘बुलडोज़र नीति’ पर सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी स्वागत योग्य है।
बुलडोज़र के नीचे मानवता और इंसाफ को कुचलने वाली भाजपा का संविधान विरोधी चेहरा अब देश के सामने बेनक़ाब हो चुका है।
बेलगाम सत्ता का प्रतीक बन चुके बुलडोज़र ने नागरिक अधिकारों को… pic.twitter.com/dzv7vVtLTg
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 2, 2024
बुलडोजर कार्रवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी के बाद लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी बयान जारी किया है।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी स्वागत योग्य है। साथ ही उन्होंने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि देश संविधान से चलेगा, सत्ता के चाबुक से नहीं।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, “बीजेपी की असंवैधानिक और अन्यायपूर्ण ‘बुलडोजर नीति’ पर सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी स्वागत योग्य है। बुलडोजर के नीचे मानवता और इंसाफ को कुचलने वाला बीजेपी का संविधान विरोधी चेहरा अब देश के सामने बेनक़ाब हो चुका है।”