भोपाल। मध्यप्रदेश में 15वीं विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो गया है। पहले दिन सबसे पहले राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण से इस बजट सत्र की शुरुआत हुई। यह सत्र इस बार 25 मार्च तक चलेगा। वहीं प्रदेश की सरकार 9 मार्च को वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट पेश करेगी।
राज्यपाल के अभिभाषण के प्रमुख अंश :—
— ‘ऐसा चाहूं राज मैं, जहां मिले सबन को अन्न, छोट-बड़ा सब संग बसे, रैदास रहे प्रसन्न। संत शिरोमणि रविदास जी की पंक्तियों को चरितार्थ करते हुए सरकार जनकल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
— मध्यप्रदेश तेजी से आत्मविश्वासी और आत्मनिर्भर राज्य के रूप में उभरा है। सड़कों गुणवत्ता में मध्यप्रदेश पहले स्थान पर है। सड़कों की लंबाई में देश के प्रथम 7 राज्यों में शामिल है।
— सभी के आत्मनिर्भर भारत का उदय हो रहा है। सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास ही भारत मंत्र बन गया है। सरकार राज्य के साढ़े 8 करोड़ नागरिकों के सहयोग से आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के संकल्प के लिए कार्य कर रही है।
मध्यप्रदेश विधानसभा में राज्यपाल का अभिभाषण#MPGovernor #MPLegislativeAssembly #Mangubhaipatel pic.twitter.com/GtBP6gNkxQ
— Bansal News (@BansalNewsMPCG) March 7, 2022
जीतू पटवारी ने किया अभिभाषण का बहिष्कार
मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र शुरू होने से पहले ही राजनीति गरमा गई। पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने बजट सत्र की शुरुआत में होने वाले राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार कर दिया।
जीतू पटवारी ने इस बहिष्कार को लेकर एक ट्वीट भी किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि, ‘- बेलगाम नौकरशाही! किसान भी हुआ शोषित! घर-घर पहुंची सस्ती शराब! सबसे ज्यादा गौहत्याएं मप्र में! जन-जन को बना दिया कर्जदार! शिवराज जी, जन/प्रदेशहित में मैं राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार कर रहा हूं! क्योंकि, चिर निंद्रा में सोई भाजपा सरकार को जगाना जरूरी है!’
– बेलगाम नौकरशाही!
– किसान भी हुआ शोषित!
– घर-घर पहुंची सस्ती शराब!
– सबसे ज्यादा गौहत्याएं मप्र में!
– जन-जन को बना दिया कर्जदार!@ChouhanShivraj जी,
जन/प्रदेशहित में मैं राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार कर रहा हूं! क्योंकि, चिर निंद्रा में सोई #भाजपा सरकार को जगाना जरूरी है! pic.twitter.com/8rjuniDrSS— Jitu Patwari (@jitupatwari) March 7, 2022
यह मर्यादा के विपरीत — कमलनाथ
विधानसभा में राज्यपाल का अभिभाषण खत्म होने के बाद संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने इस मुद्दे को उठाया। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि यह राज्यपाल का विरोध है या फिर संवैधानिक व्यवस्था का। आखिर उन्हें राज्यपाल के अभिभाषण का पता कैसे चला। यह तो गोपनीय होता है या फिर उन्होंने बिना पढ़े ही इसका विरोध कर दिया। दोनों स्थिति में प्रतिपक्ष को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
वहीं मिश्रा के सवाल का जवाब देते हुए नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ बोले कि, मुझे एक घंटे पहले ही उस ट्वीट के बारे में जानकारी मिली। मैं इस बात से सहमत हूं कि विधानसभा की परंपरा को बनाए रखना चाहिए। हम सब इसके भागीदार हैं। यह हमारी पार्टी का फैसला नहीं था। मैं इससे सहमत नहीं हूं और न ही आगे रहूंगा। यह मर्यादा के विपरीत है।