Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य दुनियाभर में एक लोकप्रिय अर्थशास्त्री, समाजशास्त्री और कूटनीतिज्ञ के तौर पर जाने जाते हैं। इनकी नीतियों पर चलकर ही एक साधारण सा बालक चंद्रगुप्त को मौर्य वंश का सम्राट बना।
आचार्य चाणक्य को लगभर हर विषय की जानकारी थी और उन्होंने जीवन में इतने अनुभव प्राप्त कर लिए थे कि वह जीवन को बेहतर तरीके से जीने की सही राह दिखा सकते हैं।
अगर आचर्य चाणक्य की इन नीतियों को पालन किया जाए तो आप कभी धोखा नहीं खाएंगे। चाणक्य नीति के अनुसार दुनिया में ऐसे लोग होते हैं जो खुद को समझदार समझते हैं जबकि समाज उन्हें कोई वैल्यू नहीं देता।
मूर्ख कहलाते हैं ऐसे लोग
चाणक्य नीति के अनुसार कोई भी काम सोच समझकर कर करना चाहिए लेकिन जो व्यक्ति बिना सोचे-समझे कोई काम करता है और उसमें असफलता पाता है तो व्यक्ति को समाज में मूर्ख ही समझा जाता है।
क्योंकि किसी भी काम को करने से पहले लोगों को उसके लाभ व हानि के बारे में ठीक प्रकार से पता कर लेना चाहिए।
खुद की तारीफ खुद ही करना
आचार्य चाणक्य के अनुसार जो लोग अपने मुंह मियां मिट्ठू बनते हैं यानि अपनी तारीफ खुद ही करते रहते हैं उन्हें भी समाज मूर्ख ही समझता है। अगर आपमें गन है तो वह लोगों को दिखता है किसी को बताना नहीं पड़ता है।
जो लोग स्वंम ही तारीफ करते हैं ऐसे लोगों को समाज में कोई मान-सम्मान नहीं मिलता। इसलिए अपनी तारीफ करने की बजाय दूसरों को तारीफ करने का मौका दें।
दूसरों से ज्यादा खुद को ज्ञानी समझना
चाणक्य का कहना है कि जो लोग खुद को दूसरों की तुलना में ज्यादा ज्ञानी और बुद्धिमान समझते हैं वह भी किसी मूर्ख से कम नहीं हैं। क्योंकि बुद्धिमान लोग का स्वभाव बिल्कुल शांत होता है।अगर लोग खुद को ज्ञानी समझते है तो यह उनके सर्वनाश का कारण बनती है। चाणक्य नीति के अनुसार ऐसे लोगों की बातों को समाज में अधिक भाव नहीं दिया जाता।
दूसरों का अपमान करने वाले सम्मान के नहीं होते
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो लोग बिना सोचे-समझें दूसरों का अपमान करते हैं वैसे लोग समाज में सम्मान के लायक नहीं होते हैं। ऐसे लोगों को मूर्ख ही कहा जाता है।
क्योंकि दूसरे का अपमान करना यानि की आप अपनी छवि खुद ही खराब कर रहे हो।
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