BRTS Remove Indore: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घोषणा की है कि इंदौर शहर से बीआरटीएस (बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) को हटाया जाएगा। यह निर्णय लोगों की शिकायतों के आधार पर लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि बीआरटीएस को हटाने से शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार होगा। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घोषणा की है कि इंदौर शहर से बीआरटीएस (बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) को हटाया जाएगा। लोगों की शिकायतों के आधार पर यह निर्णय लिया गया है, जिसमें कहा गया है कि बीआरटीएस को हटाने से शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार होगा और लोगों को राहत मिलेगी। इसके अलावा, सरकार कोर्ट में भी बीआरटीएस हटाने के पक्ष में अपना मत पेश करेगी।
BRTS इंदौर में चल रहीं 49 बसें
इंदौर के बीआरटीएस में 49 बसें चल रही हैं, जिनमें से 29 सीएनजी और 20 डीजल हैं। डीजल बसों को जल्द ही इलेक्ट्रिक बसों से बदल दिया जाएगा। इसके अलावा, 10 नई बसें भी शुरू की जाएंगी। इससे बस ओवरलोडिंग की समस्या कम होगी और इंदौर बीआरटीएस को ग्रीन कॉरिडोर बनाने में मदद मिलेगी। नई बसें आने के बाद कुल बसों की संख्या 49 से बढ़कर 59 हो जाएगी। फिलहाल, राजीव गांधी डिपो में बसों की चार्जिंग, क्षमता और आरामदायक सुविधाओं का ट्रायल किया जा रहा है।
प्रदेश का एकमात्र BRTS इंदौर में
मध्य प्रदेश में इंदौर शहर में ही अब बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) बचा है, क्योंकि भोपाल में यह प्रोजेक्ट बंद कर दिया गया है। इंदौर में 2013 में शुरू हुआ बीआरटीएस कॉरिडोर 11.5 किलोमीटर लंबा है, जो निरंजनपुर से राजीव गांधी चौराहा तक फैला हुआ है। इसमें 20 बस स्टाप और 12 स्टेशन हैं। वर्तमान में 49 बसें इस रूट पर चल रही हैं। इस प्रोजेक्ट को जवाहर लाल शहरी नवीनीकरण मिशन के तहत 300 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था। हालांकि, इसका विरोध भी हुआ और मामला हाईकोर्ट में भी पहुंचा। अब सरकार ने इसे हटाने का फैसला किया है।
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MP हाईकोर्ट में लंबित है मामला
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) को हटाने या न हटाने का मामला मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में लंबित है। यह मामला इंदौर के निरंजनपुर से राजीव गांधी प्रतिमा तक लगभग 11.5 किलोमीटर लंबे बीआरटीएस कॉरिडोर से जुड़ा हुआ है। इस संबंध में दो जनहित याचिकाएं हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में दायर की गई थीं, जिन्हें अब हाईकोर्ट की मुख्य पीठ जबलपुर में स्थानांतरित कर दिया गया है। मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष मामले की सुनवाई होनी थी, लेकिन मामला सूची में नहीं आया। इस मामले में इंदौर के नागरिकों ने बीआरटीएस को हटाने की मांग की है। अब सरकार भी इसे हटाने के पक्ष में है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि इंदौर शहर से बीआरटीएस को हटाया जाएगा। सरकार इसके लिए कोर्ट में भी पक्ष रखेगी।
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