Britain Pm: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने पदभार ग्रहण करने के बाद पहली बार यूक्रेन दौरे पर शनिवार को पहुंचे। बता दें कि सुनक की यह पहली कीव यात्रा है। राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ मुलाकात के दौरान उन्होंने रूस के साथ युद्ध में ब्रिटेन के समर्थन का भरोसा दिया।
ट्विटर पर ब्रिटिश प्रधान मंत्री ने लिखा, “ब्रिटेन जानता है कि स्वतंत्रता के लिए लड़ने का क्या मतलब है। हम आपके साथ @ZelenskyyUa हर तरह से हैं,” सुनक ने यूक्रेन के लिए समर्थन व्यक्त किया।
Britain knows what it means to fight for freedom.
We are with you all the way @ZelenskyyUa 🇺🇦🇬🇧
Британія знає, що означає боротися за свободу.
Ми з вами до кінця @ZelenskyyUa 🇺🇦🇬🇧 pic.twitter.com/HsL8s4Ibqa
— Rishi Sunak (@RishiSunak) November 19, 2022
बता दें कि वलोडिमिर ज़ेलेंस्की और ऋषि सनक पहली बार मिले जब पूर्व चांसलर ने कंजर्वेटिव पार्टी के नेता के रूप में अपना पद संभाला। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने ब्रिटेन के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री को उनकी यात्रा के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि दोनों देश जानते हैं कि स्वतंत्रता के लिए खड़े होने का क्या मतलब है। ज़ेलेंस्की ने ट्वीट किया, “धन्यवाद ऋषि सुनक। आप जैसे दोस्त हमारे साथ हैं, हमें अपनी जीत का पूरा भरोसा है। हमारे दोनों देश जानते हैं कि आजादी के लिए खड़े होने का क्या मतलब है।”
50 मिलियन पाउंड का रक्षा पैकेज
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि ब्रिटेन यूक्रेन को 50 मिलियन पाउंड का रक्षा पैकेज देगा। इसमें 125 एंटी एयरक्राफ्ट बंदूकें और ड्रोन रोधी तकनीक शामिल है। दर्जनों रडार और एंटी ड्रोन इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमता भी ब्रिटेन के इस पैकेज के तहत यूक्रेन को प्रदान की जाएगी। बता दें कि ये सहायता पैकेज भी ब्रिटेन के रक्षा मंत्री बेन वालेस की ओर से महीने की शुरुआत में घोषित 1000 से अधिक नई एंटी एयर मिसाइलें देने के ऐलान की ही कड़ी में है।
बता दें कि इससे पहले अगस्त में, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सनक ने यूक्रेन के स्वतंत्रता दिवस पर एक पत्र लिखा था, जिसमें रूसी “आक्रामकता” का सामना करने और यूनाइटेड किंगडम के लोगों से समर्थन का वादा करने में देश के दृढ़ साहस की प्रशंसा की थी।वहीं इनसे पहले ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी कीव का दौरा किया था। उस दौरान जॉनसन ने भी राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात की थी और साथ देने का भरोसा दिया था। हालांकि कुछ ही समय में उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया था। बता दें कि सुनक के कीव दौरे को लेकर माना जा रहा है कि वो रूस के विरोध में बिगुल बजा चुके है और उनकी नीति रूस के खिलाफ ही रहने वाली है।