Breaking News: तीन साल की मासूम के साथ ऑटो चालक ने किया था “दुष्कर्म”, अब डेढ़ साल बाद मिली यह भयानक सजा

रायपुर। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की एक फास्ट ट्रैक अदालत ने 2019 में तीन साल की बच्ची से बलात्कार करने के जुर्म में 39 वर्षीय ऑटो-रिक्शा चालक को मौत तक जेल में रहने की सजा सुनाई है।विशेष लोक अभियोजक कमल किशोर वर्मा ने बताया कि विशेष न्यायाधीश सरिता दास ने शनिवार को आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (एबी) (12 साल से कम उम्र की बच्ची से बलात्कार) और 363 (अपहरण) के तहत दोषी ठहराया और उस पर कुल 5500 रुपये का जुर्माना लगाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार 26 अगस्त 2019 को दोषी पीड़िता को अपने वाहन में अपने साथ दुर्ग के उताई इलाके में ले गया जहां उसके साथ दुष्कर्म किया और फिर मौके से फरार हो गया।उन्होंने बताया कि कुछ स्थानीय लोगों ने बच्ची को देखा और एम्बुलेंस को फोन कर बुलाया। पीड़िता को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उसके माता-पिता उसे घर ले गए। बाद में जब पीड़िता की मां ने देखा कि उसके गुप्तांगों पर खून बह रहा है तो उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया और उसके खिलाफ अक्टूबर 2019 में अदालत में आरोप पत्र दायर किया गया। अभियोजन ने बताया कि शनिवार को दलीलें सुनने के बाद अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
हत्या के मामले में भी आजीवन कारावस
छत्तीसगढ़ में रायपुर की एक अदालत ने दहेज के कारण हत्या के मामले में दोषी पाए गए 28 वर्षीय एक व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश विक्रम प्रताप चंद्र ने शनिवार को मुजगहन थाना क्षेत्र के छछानपैरी ग्राम निवासी घनश्याम उर्फ मोटू नारंग को दोषी करार दिया। घनश्याम की पत्नी पुन्नी बाई को गंभीर रूप से झुलसे होने के कारण दो फरवरी, 2019 को रायपुर स्थित डीकेएस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और सात फरवरी को उसकी मौत हो गई थी। पुन्नी के माता-पिता ने बाद में आरोप लगाया कि घनश्याम ने दहेज के कारण अपनी पत्नी को प्रताड़ित किया था। इस शिकायत और जांच के परिणाम के आधार पर घनश्याम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304-बी (दहेज हत्या) के तहत मुजगहन थाना क्षेत्र में मामला दर्ज किया गया था।