रायपुर। देशभर में फैले लंपी वायरस के चलते गायें बीमार हो रही हैं। कई गायों की जान भी जा रही है। इसी बीच देश के छत्तीसगढ़ राज्य से गायों को लेकर एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है। दरअसल यहां के एक किसान से जापान की कंपनी ने एक अनुबंध किया है, जिसके तहत यह कंपनी किसान से 50 रुपये लीटर में गौमूत्र खरीदेगी। इसको लेकर कंपनी ने किसान के लिए एक लाख रुपए का भुगतान भी कर दिया है।
जयपुर में हुई थी मुलाकात
जानकारी के मुताबिक यह कंपनी जापान की जैविक खाद व कीटनाशक कंपनी टाऊ एग्रो है। जो बेमेतरा के नवागढ़ गांव के किसान किशोर राजपूत से छत्तीसगढ़ की देशी प्रजाति की कोसली गाय का गोमूत्र खरीदेगी। इसी रेट पर गाय का दूध भी बेचा जाता है, जिससे अब गाय के दूध और गौमूत्र कीमत बराबर हो गई है। जयपुर में हुए एक आयोजन में किसान की मुलाकात इस जापानी कंपनी से हुई थी। इसी दौरान उनकी चर्चा टाऊ एग्रो के प्रतिनिधियों से हुई और किशोर ने गौमूत्र संग्रहण करना आरंभ कर दिया। उनके पास 12 से अधिक कोसली गायें हैं। जानकारी के मुताबिक आसपास के किसानों से भी वे गौमूत्र एकत्र करेंगे।
कोसली प्रदेश पर पड़ा यह नाम
एक जानकारी के मुताबिक गाय की इस नस्ल का नाम कोसली छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक नाम कोसली प्रदेश से पड़ा है। जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ की इस गाय को कोसली के नाम से राष्ट्रीय पशु अनुवंशिकी संसाधन ब्यूरो करनाल ने 36वां गोवंश नस्ल के नाम पर पंजीकृत किया है। इंडिया कैटल 2600 कोसली 03036 और छत्तीसगढ़ राज्य की पहली पंजीकृत नस्ल होने के बाद देशभर में कोसली के नाम से प्रचलित हो गया है। यह छत्तीसगढ़ की एक मात्र रजिस्टर्ड देसी नस्ल की कोसली गाय है।
विशेषता
इस नस्ल की गायें छत्तीसगढ़ के रायपुर, राजनांदगांव, दुर्ग, बेमेतरा व बिलासपुर में पाई जाती हैं। जानकारी के मुताबिक कोसली गाय के मूत्र में यूरिया, खनिज लवण, एंजाइम व फसलों के लिए उपयोगी तत्व पाए जाते हैं। वहीं किसान खेतों में भी इस गाय के मूत्र का छिड़काव कर कीट नियंत्रण कर सकते हैं।