पटना। BPSC Teacher Recruitment Exam 2023 बिहार सरकार ने राज्य भर के जिलाधिकारियों (डीएम) को निर्देश दिया है कि वे हाल में बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा आयोजित स्कूल शिक्षक भर्ती (2023) परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन कार्य में स्कूल शिक्षकों और राज्य शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को शामिल न करें।
जानिए बिहार मुख्य सचिव ने क्या कहा
बिहार के मुख्य सचिव (सीएस), आमिर सुबहानी ने छह सितंबर को राज्य भर के सभी डीएम को जारी एक संदेश में कहा, ‘‘यह संज्ञान में आया है कि हाल में बीपीएससी द्वारा आयोजित ‘स्कूल शिक्षक भर्ती (2023) परीक्षा’ में शामिल होने वाले उम्मीदवारों के दस्तावेज सत्यापन कार्य में शिक्षा विभाग के कर्मचारियों और सरकारी स्कूल के शिक्षकों को काम पर लगाया जा रहा है।
उन्हें (शिक्षा विभाग के कर्मचारी) विभिन्न केंद्रों पर जिला प्रशासन द्वारा परीक्षा की ओएमआर शीट (ऑप्टिकल मार्क रीडर) की स्कैनिंग में भी लगाया जा रहा है। जिला प्रशासन को इस पर तुरंत रोक लगाने की जरूरत है और शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को इन कार्यों में नहीं लगाया जाना चाहिए।’’
शिक्षकों को इन कार्यों में लगाना उचित नहीं
सीएस ने डीएम को निर्देश दिया, ‘‘अन्य विभागों के कर्मचारियों को इन गतिविधियों में शामिल किया जा सकता है, लेकिन शिक्षकों और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को नहीं। इन गतिविधियों में शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की भागीदारी पर आपत्ति जताने वाला एक पत्र भी राज्य शिक्षा विभाग से प्राप्त हुआ है।
चूंकि शिक्षा विभाग ने अपने शिक्षकों और अधिकारियों में राज्य में सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक माहौल में सुधार करने के लिए कई उपाय किए हैं, इसलिए उन्हें (शिक्षकों को) ऐसी गतिविधियों से दूर रखा जाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि इसके अलावा जब बीपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा शिक्षकों की नियुक्ति से संबंधित है तो इन कार्यों में शिक्षकों को लगाना भी उचित नहीं है।
दस्तावेजों के जारी सत्यापन कार्य पर सवाल
सीएस के पत्र पर टिप्पणी करते हुए टीईटी प्राथमिक शिक्षक संघ के संयोजक राजू सिंह ने बृहस्पतिवार को पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हम शुरू से ही मांग कर रहे हैं कि सरकार को स्कूल शिक्षकों को चुनाव सहित गैर-शिक्षण गतिविधियों में शामिल करना तुरंत बंद कर देना चाहिए।
शिक्षक पहले से ही गैर-शिक्षण गतिविधियों में उन्हें नहीं लगाये जाने का अनुरोध करते रहे हैं। जहां तक बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल होने वालों के दस्तावेजों के जारी सत्यापन कार्य का सवाल है, तो चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज का सत्यापन परिणाम घोषित होने के बाद ही किया जाना चाहिए।’’
जानिए कब हुई थी परीक्षा
बीपीएससी ने 24 अगस्त से 26 अगस्त तक 1,70,461 स्कूल शिक्षक पदों के लिए बिहार की सबसे बड़ी स्कूल शिक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित की थी। राज्य भर के 870 केंद्रों पर आठ लाख से अधिक अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे। उम्मीदवारों के दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया पांच सितंबर से ही जारी है और यह 12 सितंबर तक जारी रहेगी।
इस साल के अंत तक पूरी होगी भर्ती प्रक्रिया
दस्तावेज सत्यापन के लिए उम्मीदवारों को जिन दस्तावेजों की सूची ले जानी होगी उनमें आधार/पैन/ड्राइविंग लाइसेंस, जाति प्रमाण पत्र, पता प्रमाण, मैट्रिक (10वीं) प्रमाणपत्र और अन्य दस्तावेज शामिल हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार कैबिनेट ने इस साल मई के पहले सप्ताह में राज्य में प्राथमिक, मध्य और उच्च कक्षाओं के लिए 1.78 लाख शिक्षकों की भर्ती के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। पूरी भर्ती प्रक्रिया इस साल के अंत तक पूरी होने की उम्मीद है।
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