Body Pain in Periods: महिलाओं में पीरियड्स आना एक सामान्य प्रक्रिया है इस दौरान आपकी बॉडी में कई हार्मोनल चेंजेस आते हैं जिनकी वजह से महिलाओं का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में बदलाव आता है।
चलिए आज हम डॉक्टर्स से जानते हैं कि पीरियड्स (Feet Pain in Periods) के दौरान पेट, पैर सहित कमर में दर्द क्यों होने लगता है। इस दौरान क्या करना चाहिए।
पीरियड्स किसे कहते हैं
पीरियड्स के दौरान शरीर से कुछ कैमिकल निकलते हैं। जिन्हें हम प्रोस्टाग्लैंडिंस (prostaglandins) कहते हैं। ये प्रोस्टाग्लैंडिंस बच्चादानी (uterus) या गर्भाशय में कॉंट्रेक्शन (uterine contractions )करते हैं। इससे अंदर की परत बाहर की ओर निकलती है। इसे हम पीरियड्स कहते हैं।
ये कैमिकल खून की कोशिकाओं में इंफ्लूमेशन यानी सूजन कर सकता है। जिसकी वजह से पैर और कमर में दर्द होता है।
पीरियड्स के दौरान पेट, पीठ और पैर का कारण
बंसल हॉस्पिटल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ दीप्ति गुप्ता (Dr. Deepti Gupta Gynecologist, Bansal Hospital) बताती हैं कि जब पीरियड्स के इसकी वजह से ऊतकों (Issues) में यानी शरीर टिशूज में खून और ऑक्सीजन की सप्लाई में कमी होने लगती है। जब ऊतकों (Issues) में ऑक्सीजन नहीं होती है, तो वे रसायन छोड़ते हैं, जो पेट के आसपास के क्षेत्रों जैसे पीठ के निचले हिस्से और पैरों में दर्द का कारण बनते हैं।
पैरों में दर्द का कारण हार्मोनल इंबैलेंस
आपको बता दें जब हर महीने पीरियड्स आते हैं तो इसके पहले हमारे शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन (Estrogen Hormones) बदलते है। इस दौरान हार्मोनल इंबैलेंस आम बात है। जिसमें हार्मोन के कारण हमारे शरीर में पानी का स्तर कम जाता होता है साथ ही बॉडी में सूजन आ सकती है। जिसमें कारण पैरों में दर्द की शिकायत होने लगती है।
पीएमएस हो सकता है रीजन
डॉ दीप्ति गुप्ता के अनुसार ऐसी कई महिलाएं हैं जिन्हें मासिक धर्म से पहले से ही पैरों में दर्द की शिकायत होने लगती है। इसे डॉक्टरी भाषा में प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम ( PMS-premenstrual syndrome) भी कहा जाता है।
ये वो कंडीशन होती है जब हमारे पैरों में अतिरिक्त तरल पदार्थ जमा होने लगता है। जिससे पूरे शरीर में दर्द और सूजन होने लगती है।
संवेदनशीलता का बढ़ना
अक्सर ऐसा होता है जब मासिक धर्म में शरीर में हार्मोनल चेंजेस आते हैं तो उसके अनुसार शरीर में ऐंठन हो सकती है। जिससे उनके शरीर में संवेदनशीलता बढ़ सकती है, जो पैरों में दर्द का कारण बन सकती है।
हार्मोन के चलते ब्लड सर्कुलेशन
हार्मोन के स्तर में बदलाव ब्लड सर्कुलेशन (blood circulation) को प्रभावित कर सकता है, जिससे पैरों व अन्य अंगों में ब्लड सर्कुलेशन (Improve Blood Circulation) कम होने लगता है।
यही कारण है कि इस दौरान पैरों में ऐठन जिसे पीरियड क्रम्पस कहते हैं। इसी की वजह से पैरों में दर्द, सुन्नता या झुनझुनी होती है।
टेंशन भी हो सकता है कारण
पीरियड्स के दौरान शरीर में दर्द (Body Pain in Periods) का कारण मानसिक चिंता और तनाव (Stress And Anxiety) भी हो सकता है। पीरियड्स के कारण शरीर में हार्मोन बदलते हैं इससे भावनात्मक परविर्तन भी होते है। जो आपको तनाव का कारण बनते हैं।
पीरियड्स के दौरान पैरों में दर्द से कैसे करें बचाव
अगर आपको भी पीरियड्स के दौरान पैरों में दर्द होता है तो इससे बचने के लिए आपको अपनी लाइफ स्टाइल में बदलाव लाना होगा। साथ ही अपने खान-पान पर भी ध्यान देना होगा।
चूंकि इस दौरान शरीर में पानी की मात्रा कम होने लगती है इसलिए इस दौरान आपको पानी ज्यादा से ज्यादा पीना चाहिए। ताकि शरीर में सूजन से आराम मिले।
पूरी कोशिश करें कि पीरियड्स के समय संतुलित आहार लें। ताकि शरीर में हार्मोनल संतुलन बना रहे। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा मात्रा में फल, अनाज और सब्जियों को अपने भोजन में शामिल करें।
शरीर में ब्लड सर्कुलेशन सही करने के लिए पर्याप्त और सही व्यायाम करें। इसके लिए विशेषज्ञों की सलाह से योगा भी किया जा सकता है।
तनाव को कम करने के लिए आप नियमित रूप से योग, मेडिटेशन करते रहें। साथ इस दौरान आपको ब्रीद एक्सरसाइज जरूर करनी है ताकि स्ट्रेस को कम किया जा सके।
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