Bhopal blinkit bag sharab home delivery: राजधानी भोपाल में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है जहां एक युवक ब्लिंकिट (Blinkit) जैसे ऑनलाइन ग्रोसरी डिलीवरी ब्रांड के बैग का इस्तेमाल कर शराब की होम डिलीवरी कर रहा था। आबकारी विभाग ने चार दिन तक नजर रखने के बाद करोंद क्षेत्र में दबिश दी और 31 पेटी अवैध अंग्रेजी शराब जब्त की। आरोपी की पहचान शिवनगर निवासी संतोष अग्रवाल के रूप में हुई है।
Blinkit के बैग में शराब की डिलीवरी
पूरे मामले (Bhopal Sharab Home Delivery) में जो बात सबसे ज्यादा चौंकाती है वो है इस अवैध कारोबार का हाईटेक तरीका। आरोपी संतोष अग्रवाल शराब की डिलीवरी Blinkit के बैग में करता था, ताकि किसी को शक न हो। यही नहीं, वह पेमेंट भी पूरी तरह से डिजिटल माध्यम से लेता था। इससे उसे ट्रेस करना मुश्किल हो गया था, लेकिन आबकारी विभाग की सतर्कता ने उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया।
3.70 लाख रुपये की शराब जब्त
भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के निर्देश पर आबकारी विभाग ने जब कार्रवाई की तो करोंद स्थित आरोपी के घर से अलग-अलग ब्रांड की कुल 31 पेटी शराब बरामद हुई। शराब की कुल कीमत करीब 3.70 लाख रुपये आंकी गई है। कार्रवाई आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34(1) और 34(2) के तहत की गई है।
मिल सकते हैं शराब तस्करी नेटवर्क के और नाम
आबकारी विभाग ने आरोपी के कब्जे से दो मोबाइल फोन भी जब्त किए हैं, जिनमें कई अहम कॉल रिकॉर्डिंग्स हैं। इन रिकॉर्डिंग्स के आधार पर भोपाल और संभवतः अन्य शहरों में सक्रिय शराब तस्करों की पहचान की जा सकती है। विभाग अब इन मोबाइल की जांच कर इस अवैध नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है।
ये भी पढ़ें: MP में प्रभारी मंत्रियों के जिले बदले: परमार को हटाकर दमोह भेजा गया, जायसवाल को मिला मंडला का अतिरिक्त प्रभार
Blinkit का नाम आने से सोशल मीडिया पर हड़कंप
Blinkit के नाम का इस्तेमाल इस अवैध धंधे में सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर भी हड़कंप मच गया है। लोग पूछ रहे हैं कि क्या वाकई ऐसे डिलीवरी बैग से शराब की होम डिलीवरी हो सकती है और क्या इसके पीछे कोई बड़ा सिंडिकेट काम कर रहा है। हालांकि स्पष्ट कर दें कि Blinkit कंपनी का इससे कोई संबंध नहीं है, आरोपी ने सिर्फ उसके नाम का बैग इस्तेमाल किया।
यह मामला न केवल अवैध शराब तस्करी की गंभीरता को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि अपराधी अब तकनीक और ट्रेंड का कैसे फायदा उठा रहे हैं। भोपाल जैसे शहरों में जहां स्मार्ट सिटी मिशन चल रहा है, वहीं इस तरह के स्मार्ट अपराध प्रशासन और कानून व्यवस्था के लिए एक चुनौती बनते जा रहे हैं।