Black fungus: ये ब्लैक फंगस इंफेक्शन क्या है और कोरोना से क्या है इसका कनेक्शन?

Black fungus: ये ब्लैक फंगस इंफेक्शन क्या है और कोरोना से क्या है इसका कनेक्शन?

Black fungus

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के कारण कई लोग अब अपनी आंखें खो रहे हैं। पंजाब, राजस्थान, दिल्ली और गुजरात से ऐसे कई मामले सामने आए हैं। अब इसके कई मामले दूसरे राज्यों से भी आ रहे हैं। कोरोना से तो वे बच जा रहे हैं लेकिन उनकी आंखे निकालनी पड़ रही है। इस नए संक्रमण का नाम है ‘ब्लैक फंगस’। हालांकि, अच्छी बात यह है कि देश में इसके ज्यादा मामले सामने नहीं आए हैं। ऐसे में जानना जरूरी है कि आखिर ये ब्लैक फंगस (Black fungus) क्या है।

क्या है ब्लैक फंगस ?

ब्लैक फंगस एक फंगल डिजीज है। जो म्यूकॉरमाइटिसीस नाम के फंगाइल से होता है। ये ज्यादातर उन लोगों को होता है जिन्हें पहले से कोई बीमारी हो या वो ऐसी मेडिसिन ले रहे हों जो बॉडी की इम्युनिटी को कम करती हों। ब्लैक फंगस शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। लेकिन ज्यादातर मामले आंखों में देखे जा रहे हैं।

शरीर में कैसे पहुंचता है ?

ब्लैक फंगस ज्यादातर मामलों में सांस के जरिए वातावरण से हमारे शरीर में पहुंचता है। अगर आपके शरीर में कही घाव है तो यह सबसे पहले वहां हमला करता है और इंफेक्शन को पूरे शरीर में भी फैला सकता है। ज्यादातर मामलों में इससे आंखो की रोशनी चली जा रही है। लेकिन ऐसा नहीं है कि यह सिर्फ आंखों पर ही हमला करता है। यह आपके शरीर के किसी भी हिस्से में फैल सकता है और शरीर के उस हिस्से को सड़ा सकता है। हालांकि अच्छी बात ये है कि यह एक रेयर इंफेक्शन है। इस कारण से ज्यादातर लोग इसके चपेट में नहीं आते। ये फंगस वातावरण में कही भी हो सकता है। खासतौर पर इसे जमीन और सड़ने वाले ऑर्गेनिक मैटर्स में पनपते हुए देखा गया है। सड़ी हुई लकड़ियों और कम्पोस्ट खाद में ये सबसे ज्यादा पाया जाता है।

ब्लैक फंगस के लक्षण

बलैक फंगस के ज्यादातर मामलों में चेहरे का एक तरफ से सूज जाना, सिरदर्द होना, उल्टी आना, बुखार आना, चेस्ट पेन होना, नाक बंद होना, मुंह के उपरी हिस्से या नाक में काले घाव होना आदि है। ये बीमारी काफी तेजी से लोगों गंभीर कर देता है।

ब्लैक फंगस का कोरोना से क्या है कनेक्शन

दरअसल, बलैक फंगस ज्यादातर उन लोगों को होता है जो डायबिटिक हैं, जिन्हें कैंसर है, जिनका ऑर्गन ट्रांसप्लांट हुआ हो, जो लंबे समय से स्टेरॉयड यूज कर रहे हों या जिन्हें कोई स्किन इंजरी हो। प्रिमैच्योर बेबी को भी ये हो सकता है। ऐसे में कोरोना जिन लोगों को हो रहा है उनका इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। खासकर जो डायबिटीज पेशेंट हैं और उन्हें कोरोना हो गया है, तो ऐसे लोगों में ब्लैक फंगस फैलने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। हाल के मामलों में भी यह देखा गया है। कोरोना के कारण बहुत से लोग कमजोर हो चुके हैं तो ऐसे में ये फंगल इंफेक्शन भी बढ़ा है।

कितना खतरनाक है ये फंगस?

समान्य तौर पर यह फंगस काफी खतरनाक है। लेकिन अच्छी बात ये है कि कोरोना की तरह ये कम्युनेक्लब डिजीज नहीं है। यानी ये एक मरीज से दूसरे मरीज में नहीं फैलता। लेकिन जितने मरीजों में यह होता है। उसमें से करीब 54% मरीजों की मौत हो जाती है। ऐसा इसलिए कि यह शरीर के जिस भी हिस्से में फैलता है उसे सड़ा देता है और फिर उस ऑर्गन के काम न करने की वजह से मरीज की मौत हो जाती है। आंखो में अगर ये फंगस होता है तो मरीजों को बचा लिया जाता है। लेकिन उन्हें अपनी आंखें गंवानी पड़ती है।

Share This

Login

Welcome! Login in to your account

Remember me Lost your password?

Lost Password