Hindenburg Report On Adani: हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के लेकर बीजेपी ने विपक्ष पर निशाना साधा है। बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ये रिपोर्ट देश में आर्थिक अराजकता फैलाने की कोशिश है। बीजेपी नेता ने इसे हार के बाद विपक्ष की साजिश बताया। उन्होंने कहा कि यह देश को आर्थिक रूप से बर्बाद करने की कोशिश है। उन्होंने सीधे-सीधे कांग्रेस को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। बीजेपी ने कहा, रिपोर्ट में जो आरोप लगाए गए सेबी प्रमुख ने उसका जवाब दे दिया है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस हिंडनबर्ग के साथ मिलकर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि टूलकिट वालों को देश से कोई मतलब नहीं है।
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) August 12, 2024
रविशंकर बोले- हिंडनबर्ग का भारत विरोधी एजेंडा
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हिंडनबर्ग के आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ एजेंडा चलाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस हिंदुस्तान से नफरत कर रही है और देश कांग्रेस पार्टी से नफरत कर रहा है। बीजेपी नेता ने कहा कि हिंडनबर्ग वाले भारत विरोधी एजेंडा चलाते हैं।
बीजेपी नेता ने कहा कि यह शेयर बाजार को क्रैश कराने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि इस मामले की CBI जांच होनी चाहिए।
सेबी चीफ ने दी सफाई
इससे पहले सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा उन पर लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था।
उन्होंने कहा कि यह ‘चरित्र हनन करने का प्रयास’ है, क्योंकि सेबी ने पिछले महीने नेट एंडरसन के नेतृत्व वाली कंपनी ‘हिंडनबर्ग’ को नियमों का उल्लंघन करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
इससे पहले हिंडनबर्ग ने अपनी हालिया रिपोर्ट में बताया था कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख बुच और उनके पति धवल बुच के पास उस विदेशी कोष में हिस्सेदारी है,
जिसका इस्तेमाल अडानी समूह में धन की कथित हेराफेरी के लिए किया गया था।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट?
10 अगस्त को हिंडनबर्ग ने सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच और अडानी ग्रुप के बीच संबंध में 46 पन्नों की एक रिपोर्ट जारी की।
रिपोर्ट में दावा किया गया कि सेबी की चेयरपर्सन बुच और उनके पति धबल बुच ने बरमूडा और मॉरीशस में अस्पष्ट विदेशी कोषों में अघोषित निवेश किया था।
फर्म ने कहा कि ये वही कोष हैं जिनका कथित तौर पर विनोद अडानी ने पैसों की हेराफेरी करने और समूह की कंपनियों के शेयरों की कीमतें बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया था।
विनोद अडानी, अडानी समूह के चेयरपर्सन गौतम अडानी के बड़े भाई हैं।
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रिपोर्ट का दावा है कि बुच दंपती ने मॉरीशस की उसी ऑफशोर कंपनी में निवेश किया है, जिसके जरिए भारत में अडानी ग्रुप की कंपनियों में निवेश करवाकर अडानी ने लाभ कमाया था।
हिंडनबर्ग ने कहा कि इसे व्यापार का गलत तरीका माना जाता है।
अमेरिकी कंपनी ने कहा कि सेबी को अडानी मामले से संबंधित फंड्स की जांच करने का जिम्मा सौंपा गया था, जिसमें बुच द्वारा भी निवेश किया गया था।
यही पूरी जानकारी हमारी रिपोर्ट में उजागर की गई है। यह स्पष्ट है कि सेबी प्रमुख और अडानी ग्रुप के हित एक-दूसरे से जुड़े हुए थे। यह हितों का एक बड़ा टकराव है।