रांची, 13 जनवरी (भाषा) झारखंड उच्च न्यायालय ने राजद्रोह के एक मामले में आरोपित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के खिलाफ किसी भी प्रकार की उत्पीड़क कार्रवाई पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार को मामले में चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिये हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने पिछले वर्ष नवंबर में दुमका विधानसभा उपचुनाव के दौरान राज्य में दो माह के भीतर भाजपा की सरकार बनने का दावा किया था। इसे आधार बनाते हुए कांग्रेस के दुमका जिलाध्यक्ष श्यामल किशोर सिंह ने दुमका टाउन हाल थाने में दीपक प्रकाश के खिलाफ राजद्रोह की संगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्राथमिकी में कहा गया है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार के खिलाफ साजिश कर रहे हैं।
झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति आनंद सेन की पीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए दीपक प्रकाश के खिलाफ फिलहाल किसी भी प्रकार की उत्पीड़क कार्रवाई पर रोक लगा दी है साथ ही पीठ ने चार सप्ताह में राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
सुनवाई के दौरान दीपक प्रकाश की ओर से कहा गया कि किसी भी तरह का राजनीतिक बयान राजद्रोह की श्रेणी में नहीं आता है, लेकिन राज्य सरकार ने उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज कर दिया है और ऐसे में उक्त प्राथमिकी को रद्द किया जाना चाहिए।
भाषा सं. इन्दु मानसी एन. पाठक
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