Online Festival Sale 2024: हर व्यक्ति इस साल की सबसे बड़ी सेल का इंतजार बेसब्री (Online Festival Sale 2024) से कर रहा है। दरअसल, हर साल त्योहारी सीजन में अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियां अपने प्लेटफॉर्म पर सेल लगाती हैं। इससे कंपनियों को तो फायदा होता ही है पर इससे ग्राहकों को भी सामान सस्ते दामों में मिल जाता है।
यही कारण है कि हर कोई इन सेल का इंतजार करता है, लेकिन इस बार ई-कॉमर्स के त्योहारी सेल पर विरोध के बादल मंडराने शुरू हो गए हैं। भारतीय जनता पार्टी के सांसद और संगठन कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर इस बार की त्योहारी सेल पर रोक लगाने की मांग की है।
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भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने बीते दिन रविवार 15 सितंबर को वाणिज्य एवं उद्योग (Ministry of Commerce and Industry) मंत्री पीयूष गोयल से प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों जैसे अमेजन और फ्लिपकार्ट की आगामी सेल पर रोक स्थगित करने के लिए पत्र लिखा है।
भाजपा सांसद का कहना है कि इससे घरेलू व्यापारियों को काफी नुकसान होगा। उन्होंने देश के छोटे खुदरा विक्रेताओं को बढ़ावा देने और उनकी सुरक्षा के लिए ई-कॉमर्स नियमों और नीति को तुरंत लागू करने की भी अपील की है।
छोटे कारोबारियों को हो रहा है नुकसान- भाजपा सांसद
चांदनी चौक से लोकसभा सदस्य और अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (कैट) के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने पत्र लिखकर अमेजन और फ्लिपकार्ट के आगामी सेल कार्यक्रमों को स्थगित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि वह प्रतिस्पर्धा-रोधी प्रथाओं के निरंतर उपयोग के माध्यम से घरेलू व्यापारियों को और भी ज्यादा नुकसान पहुंचाएंगे।
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सीसीआई की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सांसद ने कहा कि घरेलू कंपनियों के लिए एक असमान खेल का मैदान बनाया गया है। इससे छोटे कारोबारियों को काफी नुकसान हो रहा है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि रिपोर्ट में यह भी पाया गया है कि बड़े ब्रांड एंटी-ट्रस्ट कानूनों का उल्लंघन करते हुए ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं के साथ मिलकर मिलीभगत कर रहे हैं।
बड़े ब्रांड के लिए काम करती हैं ई-कॉमर्स कंपनियां
प्रवीण खंडेलवाल ने आगे कहा कि ई-कॉमर्स दिग्गज तरजीही व्यवहार और मिलीभगत को बढ़ावा देते हैं। ये मंच कुछ विशिष्ट विक्रेताओं और ब्रांड के साथ मिलकर विशेष साझेदारी करते हैं, जिससे अनुचित बाजार का माहौल बनता है।
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समानता वाले मंच के रूप में कार्य करने के बजाय फ्लिपकार्ट और अमेजन दोनों ने चुनिंदा विक्रेताओं को लाभ पहुंचाया है और अधिकांश विक्रेताओं को इससे नुकसान उठाना पड़ा है।
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