नयी दिल्ली, 12 जनवरी (भाषा) भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व केन्द्रीय मंत्री बीरेन्द्र सिंह ने मंगलवार को कहा कि हरियाणा में उनकी पार्टी की सरकार और पार्टी की पंजाब इकाई का नेतृत्व किसान आंदोलन को सही ढंग से संभाल नहीं पाया तथा इस मुद्दे पर केन्द्रीय नेतृत्व को मुश्किल में डाल दिया।
वर्ष 2014 से 2019 के बीच राजग सरकार में केन्द्रीय मंत्री रहे सिंह ने कहा कि इन कृषि कानूनों को लाने के पीछे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्र सरकार की मंशा किसानों का समग्र कल्याण है।
सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”इन तीन कृषि कानूनों को लाने के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की मंशा किसानों के जीवन स्तर को बेहतर बनाना और उनका समग्र कल्याण है।”
सिंह ने हरियाणा में अपनी पार्टी की सरकार और पंजाब में पार्टी नेतृत्व के प्रति नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि अगर उन्होंने प्रदर्शन के शुरुआती दिनों में प्रभावी तरीके से किसानों की चिंताओं को दूर किया होता तो इस मुद्दे का समाधान काफी पहले ही निकल गया होता।
उन्होंने कहा, ”हरियाणा की भाजपा सरकार और पंजाब के पार्टी नेतृत्व ने उस समय इन तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों की चिंताओं को प्रभावी ढंग से दूर न करके पार्टी को परेशानी में डाल दिया, जब न तो इन्हें संसद की मंजूरी मिली थी और प्रदर्शन भी शुरू नही हुए थे।”
इस मुद्दे के जल्द ही समाधान की उम्मीद जताते हुए बीरेन्द्र सिंह ने कहा कि अगर इस मुद्दे को जल्द हल नहीं किया गया तो हरियाणा की भाजपा-जजपा नीत सरकार के लिए आने वाले समय में इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि वह चुनावी राजनीति छोड़ सकते हैं, लेकिन राजनीति में सक्रिय रहेंगे और केवल किसानों के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
उन्होंने कहा कि उनके नाना और महान किसान नेता सर छोटू राम के नाम पर बनाया गया एक ‘थिंक टैंक’ इस दिशा में काम कर रहा है।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में हिसार लोकसभा सीट से अपने पुत्र ब्रजेन्द्र सिंह को टिकट मिलने के बाद सिंह ने राज्य सभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। लोकसभा चुनाव में ब्रजेन्द्र को जजपा नेता दुष्यंत चौटाला ने हराया।
भाषा जोहेब पवनेश
पवनेश