Bizarre Facts in Hindi: देश और दुनिया में ऐसी कई जगह है जिनका अपना-अपना रहस्य है। दुनिया में ऐसे कई रहस्य है, जिनको सुलझा लिया गया है तो कई ऐसे भी है जिनको सुझाना काफी कठिन साबित होता है। आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे है, जहां पर जाने के लिए सरकार ने बैन लगा रखा है। इस जगह को भूतिया जगह भी कहा जाता है। हम बात कर रहे है। इटली के रहस्मयी पोवेग्लिया आईलैंड की। इस आइलैंड पर जो भी गया वो वापस लौटकर नहीं आया। सरकार खुद मानती है कि यह आईलैंड काफी खतरनाक है। तो आईए आपको बताते है, इस आईलैंड के बारे में…
इस आईलैंड को आईलैंड ऑफ डेथ भी कहा जाता है। इसके पीछे एक बेहद डरावनी कहानी है। बताया जाता है कि इस आईलैंड पर असाधारण गतिविधियों होती है। यह आईलैंड इटली के वेनिस और लीडो शहर के बीच में वेनेटियन खाड़ी में मौजूद है। एक समय था जब इस खूबसूरत आईलैंड पर लोग घूमने आते थे। लेकिन कुछ ऐसा हुआ की इस आईलैंड पर लोगों के आने की पाबंदी लगा दी गई। बताया जाता है कि कई लोग आईलैंड के रहस्य को जानने के लिए पोवेग्लिया आईलैंड गया, लेकिन वह वापस लौटकर नहीं आए।
बताया जाता है कि 16वीं शताब्दी में इटली में प्लेग नामक बीमारी फैली थी। जिसकी चपेट में इटली के कई लोग आ गए थे। प्लेग बीमारी इतनी खतरनाक थी कि लोग मरने लगे थे। क्योंकि ये बीमारी एक से दूसरे व्यक्ति में फैल रही थी। बीमारी से लोगों को बचाने के लिए इटली सरकार ने सभी मरीजों को पोवेग्लिया आईलैंड में शिफ्ट करने का फैसला लिया। इतना ही नहीं प्लेग की चपेट में आने से जिनकी मौत हो जाती थी उन्हें इसी आईलैंड पर दफना दिया जाता था। बीमारी इतनी तेज फैली की लाखों की संख्या में मरीज इस आईलैंड पर आने लगे। कहा जाता है कि जो भी एक बार इस आईलैंड में लाया गया, वो घर वापस नहीं जा पाया।
1 लाख 60 हजार लोगों को जलाया गया जिंदा
कुछ इतिहासकारों की मानें तो इस आईलैंड पर एक साथ करीब 1 लाख 60 हजार लोगों को जिंदा जला दिया गया था। ऐसा इसलिए किया गया ताकि बीमारी को रोका जा सके। प्लेग बीमारी के बाद काला बुखार नामक बीमारी ने इटली में दस्तक दी। प्लेग की तरह काला बुखार का भी कोई इलाज नहीं था। लोगों की जान जाने लगी। बीमारी से मरने वाले लोगों की डेड बॉडी को पोवेग्लिया आईलैंड में लाकर ऐसे ही छोड़ा जाने लगा। हालात ऐेसे बन गए थे कि आईलैंड का नजारा नरक जैसा दिखाई देने लगा।
भूतिया घटनाओं का शुरू हुआ सिलसिला
लाखों लोगों की मौतों के चश्मदीद रहे इस आईलैंड में सन 1922 में एक मेंटल हॉस्पिटल बनाया गया। फिर यहीं से शुरू हुआ इस आईलैंड पर भूतहा घटनाओं के घटित होने का सिलसिला। इस हॉस्पिटल में रहने वाले स्टाफ और मरीजों ने दावा किया कि उन्होंने इस आईलैंड में कई भूतों और आत्माओं को महसूस किया है और देखा भी है। यह आईलैंड पैरानॉर्मल दृष्टिकोण से इतना खतरनाक बताया जाने लगा कि यहां के लोग दावा करने लगे कि रात के समय इस आईलैंड में जिंदा और मुर्दा लोगों में फर्क कर पाना मुश्किल हो गया था। यहां रहने वाले डॉक्टर्स ने बताया कि रात के समय यहां डरावनी आवाजों का आना एक आम बात बन गई थी। और तो और यहां भटक रही आत्माएं बीमार मरीजों को अपनी चपेट में ले लेती थीं।
डॉक्टर्स और मरीजों की होने लगी मौत
डॉक्टर्स के लिए उस समय यह समझना मुश्किल हो गया था कि कोई व्यक्ति दिमागी रूप से बीमार है या उस पर किसी प्रेत आत्मा का साया आ गया है। इसी बीच कई डॉक्टर्स और मरीजों की रहस्यमयी तरीके से मौत भी होने लगी। इसलिए इस मेंटल हॉस्पिटल को जल्द ही बंद कर दिया गया। फिर कई लोग इस रहस्य का पता लगाने के लिए वहां जाने लगे। लेकिन जो कोई भी इस आईलैंड पर गया, उन में से अधिकांश लोग कभी वापस लौट कर नहीं आए। लेकिन जो चंद लोग वापस लौटकर भी आए तो उन्होंने बस यही कहा कि ये आईलैंड हमारी दुनिया में जीता-जागता नर्क है। यहां कोई इंसान जाता तो अपनी मर्जी से है, लेकिन उसका वापस लौटना उन आत्माओं पर निर्भर करता है, जो इस आईलैंड पर राज कर रही है।