नई दिल्ली। डिजिटल करेंसी बिटकॉइन आज-कल काफी चलन में है। भारतीय बाजार में आज इसकी कीमत 46 लाख से भी ऊपर है। लोग इसमें आगे आकर निवेश भी कर रहे हैं। लेकिन कर्नाटक में एक बार फिर से बिटकॉइन घोटाले का जिन बाहर आया है। इस घोटाले का मुख्य आरोपी श्रीकृष्ण रमेश नामक एक शख्स है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस घटना को बड़ी साजिश बताते हुए ट्वीट किया और कहा कि मिलिए बिग बॉस श्रीक्की से, ये वो हैकर जो पुलिस को भी धोखा देने में माहिर है। आइए जानते हैं इस हैकर के बारे में।
स्कूल की वेबसाइट को हैक कर लिया था
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, श्रीकृष्ण जब चौथी क्लास में था, तभी से उसे कम्प्यूटर में इंट्रेस्ट था और यहीं से उसने कम्प्यूटर लैंग्वेज सीखनी शरू कर दी थी। इसके बारे में कहा जाता है कि वो जब स्कूल में पढ़ रहा था, तभी उसने अपने स्कूल की वेबसाइट को हैक कर लिया था। इसके बाद वो अपनी अटेंडेंस और मार्क्स बदल देता था। जब वो 8वीं में पहुंचा तो ब्लैक कैट हैकर बन गया। इसके बाद वो इंटरनेट रिले चैट “आईआरसी” के जरिए दुनियाभर के हैकरों के संपर्क में आया। ब्लैक कैट हैकर की दुनिया में उसे ‘रोज’ और ‘बिग बॉस’ के नाम से जाना जाता है।
कंपनियों की वेबसाइट हैक करता था
हैकिंग की लत से साथ उसे शराब और ड्रग्स की भी लत लग गई। इसके बाद उसने पैसे कमाने के लिए कई कंपनियों की वेबसाइट को हैक करना शरू कर दिया। वो इन पैसों से बिटकॉइन खरीदता और डार्क नेट पर ड्रग्स खरीदने के लिए इसका इस्तेमाल करता। किसी को इसकी खबर तक नहीं थी। लेकिन एक दिन साल 2020 में उसके कुछ साथी गांजा खरीदने के लिए बेंगलुरू गए थे, जहां उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने जांच शुरू की, जांच में उन्होंने पाया कि रमेश ने डार्कनेट पर ड्रग्स खरीदने के लिए रॉबिन खंडेलवाल नाम के शक्स को पैसे ट्रांसफर किए थे, जो बिटकॉइन ट्रेडिंग सर्विस चलाते थे।
ऐसे खुला राज
पुलिस ने खंडेलवाल को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू की तो रमेश का सारा राज खुल गया। पुलिस ने कथित तौर पर उस समय रमेश के पास से 9 करोड़ रूपये के 31 बिटकॉइन बरामद किए थे। ईडी भी इस मामले की जांच कर रही है। बतादें कि श्रीकृष्ण रमेश महज 25 साल का सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर है। जो बेंगलुरू के जयनगर में रहता है। स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद वो कम्प्यूटर साइंस में आगे की पढ़ाई के लिए साल 2014 में एम्सटर्डम चला गया था। एम्सटर्डम से लौटने के बाद वो कई तरह के हैकिंग में शामिल हो गया। साल 2018 में उसके खिलाफ एक केस भी दर्ज किया गया था। तब उसके उपर एक व्यक्ति के साथ मारपीट करने का आरोप लगा था। लेकिन अब कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष ने उसके उपर गंभीर आरोप लगाए हैं और इसे एक घोटाला बताते हुए सत्ता पक्ष के कई लोगों पर आरोप लगाया है।