कमलनाथ और छिंदवाड़ा को एक दूसरे का पर्याय बने 4 दशक से भी ज्यादा का वक्त हो चुका है.लेकिन छिंदवाड़ा में पिछला एक साल कांग्रेस और कमलनाथ दोनों के लिए अच्छा नहीं कहा जा सकता है.कमलनाथ के कई करीबी हाथ छुड़ाकर बीजेपी में गए.तो छिंदवाड़ा लोकसभा चुनाव में नकुलनाथ को करारी हार झेलनी पड़ी. बीजेपी के तंज से इधर कांग्रेस कमलनाथ के जन्मदिन को सियासत से अलग करके देख रही है…कांग्रेस का मानना है कि कमलनाथ ने छिंदवाड़ा के विकास में अमूल्य योगदान दिया है…उनका छिंदवाड़ा से रिश्ता बीजेपी नहीं समझ सकती…
पन्ना में किसान की चमकी किस्मत: चौथी बार दिलीप को मिला हीरा, 4 दिसंबर को होगी नीलामी, ये है हीरे की कीमत
Farmer Found Heera In Panna: पन्ना की धरती ने फिर एक किसान की किस्मत बदल दी। जरुआपुर निजी क्षेत्र में...