कृषि मंत्री कमल पटेल: मध्य प्रदेश में पराली से बनाई जाएगी बायोगैस, स्थापित होंगे प्लांट

भोपाल: खेतों में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण और भूमि के नुकसान को रोकने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने खास तैयारी शुरू कर दी है। प्रदेश में पराली से बायोगैस बनाई जाएगी और इसके लिए सरकार प्लांट भी स्थापित करेगी। मप्र के कृषि मंत्री कमल पटेल ने यह जानकारी दी है।
कृषि मंत्री श्री @KamalPatelBJP ने बताया कि पराली से बायोगैस और एथेनॉल बनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा। एथेनॉल और बायो- गैस सरकार खरीदेगी। इससे किसानों को सीधे लाभ होगा और पराली से होने वाले नुकसान से भी बचा जा सकेगा।
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कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा, कृषि वैज्ञानिकों के साथ विचार विमर्श कर राज्य में पराली से बायोगैस बनाने के उपाय पर अमल शुरू किया जा रहा है। प्लांट की स्थापना के लिए जल्द ही पहल की जाएगी। इससे किसानों और शासन के लिए संकट बनी पराली का उपयोग भी हो सकेगा। पराली से बनने वाली बायोगैस का उर्जा के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा।
किसानों के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं
कृषि मंत्री ने बताया, पराली जलाने से प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच रहा है, किसानों के पास इसके अलावा कोई विकल्प भी नहीं है। पराली इसलिए समस्या बन गयी है क्योंकि आजकल किसान हार्वेस्टर का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं और किसान के पास इसे जलाने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं बचता।
किसान को जेल पहुंचाकर नहीं निकालेगा हल
कृषि मंत्री पटेल ने कहा, किसानों से जुड़ी समस्याओं को समझे बिना इसका हल नहीं निकल सकता। इसका समाधान किसान को जेल पहुंचाकर नहीं निकालेगा। इसके लिए सरकारों को सहयोगी बनकर रास्ता निकालना होगा।
किसानों से सरकार खरीदेगी बायोगैस
कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया, पराली से बायोगैस और एथेनॉल बनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा। एथेनॉल और बायो-गैस सरकार खरीदेगी। इससे किसानों को सीधे लाभ होगा और पराली से होने वाले नुकसान से भी बचा जा सकेगा।
किसानों की आवश्यक मदद भी करेगी सरकार
मंत्री पटेल ने बताया, प्रदेश सरकार केन्द्र सरकार के मार्गदर्शन में किसानों को लाभ पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। प्रदेश के किसानों को बायोगैस बनाने के लिए न केवल प्रोत्साहित किया जाएगा बल्कि इसके लिए आवश्यक मदद भी मुहैया कराई जाएगी। इससे पर्यावरण प्रदूषण, जनधन और पशुधन हानि को रोका जा सकेगा। किसानों द्वारा बनाई जाने वाली बॉयोगैस और एथेनॉल को सरकार खरीदेगी। इसका इस्तेमाल गैस से संचालित अन्य उद्यमों में किया जाएगा।