Bilaspur Hospitals Fraud Case: केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना, जिसका उद्देश्य गरीब और मिडिल क्लास परिवारों को इलाज मुहैया कराना है, अब विवादों में घिर गई है।
इस योजना के तहत, मरीजों से पैसे लिए बिना उनका इलाज किया जाता है, लेकिन छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में कुछ निजी अस्पतालों ने इसे एक कमाई का साधन बना लिया है।
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आयुष्मान योजना का गलत इस्तेमाल
बिलासपुर में केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी आयुष्मान भारत योजना में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। राज्य के स्वास्थ्य सचिव के निर्देश पर, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने निजी अस्पतालों में छापेमारी की।
इस दौरान कई निजी अस्पतालों में गड़बड़ी पाई गई, जिसके बाद बिलासपुर के नोबल, महादेव, शिशु भवन और एलाइट अस्पतालों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है। इन अस्पतालों पर आयुष्मान योजना के तहत गलत तरीके से पैसों का क्लेम करने का आरोप है।
स्वस्थ बच्चों को कुपोषित दिखाकर ज्यादा पैसे क्लेम किए
आयुष्मान भारत योजना में मरीजों से कोई पैसा नहीं लिया जाता है और उन्हें मुफ्त इलाज दिया जाता है। लेकिन कुछ निजी अस्पतालों ने इस योजना का दुरुपयोग किया। इन्हें सरकार से अधिक धन प्राप्त करने के लिए गरीब महिलाओं के प्रसव के दौरान जन्मे स्वस्थ बच्चों को कुपोषित दिखाकर ज्यादा पैसे क्लेम किए।
खुलासे के बाद कार्रवाई
फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद स्वास्थ्य विभाग ने 28 अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की। इनमें से 15 अस्पतालों को आयुष्मान योजना से हटा दिया गया है, यानी उन्हें अब इस योजना से बाहर कर दिया गया है। 8 अस्पतालों को 6 महीने और तीन महीने के लिए सस्पेंड किया गया है। इसके अलावा 5 अन्य अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।