Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ के पुलिस विभाग में विवाहित बहन को अनुकंपा नियुक्ति देने की मांग को लेकर बिलासपुर हाई कोर्ट में एक अहम याचिका दाखिल की गई है। याचिकाकर्ता निधि सिंह ने अपने मृत अविवाहित कांस्टेबल भाई की सेवा के दौरान मृत्यु के बाद खुद को आश्रित मानते हुए अनुकंपा नियुक्ति की मांग की है।
हाई कोर्ट ने DGP और IG को भेजा नोटिस
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति बी.डी. गुरु की एकलपीठ ने छत्तीसगढ़ पुलिस महानिदेशक (DGP) और बिलासपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (IG) को नोटिस जारी कर उत्तर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। मामले की पैरवी अधिवक्ताओं अभिषेक पांडेय और स्वातिरानी सराफ द्वारा की जा रही है।
2016 के संशोधित नियमों का दिया हवाला
याचिकाकर्ता की ओर से यह तर्क दिया गया कि वर्ष 2013 के नियमों के अनुसार केवल अविवाहित बहनों को ही अनुकंपा नियुक्ति दी जाती थी। लेकिन 22 मार्च 2016 को सामान्य प्रशासन विभाग, रायपुर ने इन नियमों में संशोधन करते हुए “अविवाहित बहन” शब्द को हटाकर केवल “बहन” शब्द जोड़ दिया गया, जिससे विवाहित बहनों को भी पात्रता मिलने का रास्ता साफ हुआ।
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SP के निर्णय को दी चुनौती
निधि सिंह ने पुलिस अधीक्षक (SP) द्वारा अनुकंपा नियुक्ति से इनकार करने के निर्णय को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। उनका कहना है कि संशोधित नियमों के अनुसार विवाहिता बहन भी मृतक भाई की अनुकंपा नियुक्ति की पूरी हकदार है।
हाई कोर्ट (Bilaspur High Court) ने याचिका स्वीकार करते हुए संबंधित अधिकारियों से विस्तृत जवाब मांगा है। दिलचसप है, यदि हाई कोर्ट याचिकाकर्ता के पक्ष में निर्णय देता है, तो यह राज्यभर में विवाहिता बहनों के लिए अनुकंपा नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।