Bilaspur High Court: हाल ही में छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में एक बाघ की मौत और बलरामपुर में बिजली करंट से हाथी की हत्या के मामलों पर राज्य के वन एवं पर्यावरण संरक्षण विभाग की अतिरिक्त सचिव, ऋचा शर्मा ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में शपथपत्र प्रस्तुत किया।
शपथपत्र में बताया गया कि बाघ की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में जहर की पुष्टि नहीं हुई है और बीमारी के कारण बाघ की मौत हो सकती है। फिलहाल, बिसरा रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने मामले की निगरानी रखने की बात की है और अगली सुनवाई जनवरी में तय की गई है।
गुरू घासीदास नेशनल पार्क में मिला था बाघ का शव
यह घटना 8 नवंबर को कोरिया जिले के गुरू घासीदास नेशनल पार्क के टाइगर रिजर्व क्षेत्र में घटित हुई थी, जहां नदी किनारे बाघ का शव पाया गया था। बाघ का शव सोनहत भरतपुर सीमा के देवशील कटवार गांव के पास नदी किनारे मिला था।
प्रारंभिक जांच में बाघ के नाखून, दांत और आंख जैसे अंग गायब थे, जिससे यह अनुमान लगाया गया कि बाघ को जहर देकर मारा गया। इस मामले में चीफ जस्टिस ने स्वतः संज्ञान लिया था और कहा था कि बाघ की हत्या बदले की भावना से की गई प्रतीत होती है।
दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश
कोर्ट ने मामले की निष्पक्ष जांच कराने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया। इसके अलावा, कोर्ट ने यह भी कहा कि भारत में बाघों की संख्या कम है, और यहां यदि वे हैं तो उनका ठीक से संरक्षण नहीं किया जा रहा है।
बलरामपुर में बिजली करंट से हाथी की मौत के मामले पर भी कोर्ट ने ध्यान दिया था। इस पर ऋचा शर्मा ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। एक अन्य घटना में हाथी के शावक को पोटाश बम से चोट आई थी, लेकिन उसका इलाज किया गया और अब वह पूरी तरह स्वस्थ हो कर अपने झुंड में वापस लौट चुका है।
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