CG Bilaspur High Court: बिलासपुर हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटिशन (SLP) दायर की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। इस फैसले के बाद राज्य के शिक्षकों द्वारा क्रमोन्नत वेतनमान (Promotion Pay Scale) को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर करने की प्रक्रिया फिर से शुरू हो गई है।
कामदेव टेकाम सहित अन्य शिक्षकों ने दायर की याचिका
बिलासपुर हाई कोर्ट में कामदेव टेकाम, कृष्णमूर्ति शर्मा सहित एक दर्जन से अधिक शिक्षकों ने अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से क्रमोन्नत वेतनमान की मांग को लेकर याचिका दायर की है। शिक्षकों ने अपनी याचिका में हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच द्वारा शिक्षिका सोना साहू के पक्ष में दिए गए फैसले का हवाला दिया है।
मामले की सुनवाई हाई कोर्ट के जस्टिस एनके चंद्रवंशी की सिंगल बेंच में हुई। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं जिला शिक्षा अधिकारी के समक्ष अभ्यावेदन पेश करने का निर्देश दिया।
शिक्षक संगठनों की अपील
सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेश के बाद, छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने शिक्षकों से 30 दिनों के भीतर सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ अभ्यावेदन दायर करने की अपील की है।
शिक्षक अपनी याचिका में सोना साहू केस में दिए गए हाई कोर्ट के फैसले को संलग्न कर सकते हैं। सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं जिला शिक्षा अधिकारी को अभ्यावेदन सौंपने पर, अधिकारी इस पर विधि अनुसार निर्णय लेंगे।
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टीचर्स एसोसिएशन का सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने शासन, पंचायत एवं शिक्षा विभाग पर दबाव बनाने के लिए शिक्षकों से अपने नियोक्ता अधिकारी और वेतन आहरण अधिकारी को सीधे अभ्यावेदन देने की अपील की है।
जनरल ऑर्डर जारी करने की मांग जारी रहेगी
शिक्षक नेता संजय शर्मा ने बताया कि शासन से शिक्षिका सोना साहू के समान ही अन्य शिक्षकों के लिए जनरल ऑर्डर जारी करने की लगातार मांग की जा रही है।
अब तक कई शिक्षक हाई कोर्ट में अपनी याचिका दायर कर चुके हैं। अगर शासन जनरल ऑर्डर जारी करता है, तो सभी शिक्षकों को लाभ मिलेगा और उन्हें अलग से याचिका दायर करने की जरूरत नहीं होगी।