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अवैध उत्खनन को लेकर बिलासपुर हाईकोर्ट सख्त: राज्य सरकार से मांगा जवाब, अरपा नदी मामले पर हुई सुनवाई

Bilaspur High Court: बिलासपुर हाईकोर्ट ने अरपा नदी में 3 बहनों की डूबने से मौत के मामले में सुनवाई की

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Harsh Verma
अवैध उत्खनन को लेकर बिलासपुर हाईकोर्ट सख्त: राज्य सरकार से मांगा जवाब, अरपा नदी मामले पर हुई सुनवाई

   हाइलाइट्स

  • अरपा नदी में 3 बहनों की डूबने से मौत का मामला
  • बिलासपुर हाईकोर्ट ने मामले में की सुनवाई
  • खनिज विभाग के प्रमुख सचिव से मांगा जवाब
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Bilaspur High Court: बिलासपुर हाईकोर्ट ने अरपा नदी में 3 बहनों की डूबने से मौत के मामले में सुनवाई की. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि सरकार अवैध उत्खनन रोकने के लिए क्या कर रही है. इसे लेकर क्या कार्ययोजना बनाई गई है. हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने खनिज विभाग के प्रमुख सचिव को जवाब देने के निर्देश दिए हैं. 

दरअसल अवैध खनन से हुए गड्ढों में भरे पानी में डूबकर सेंदरी के पास 3 बच्चियों की 17 जुलाई 2023 को मौत हो गई थी. हाईकोर्ट ने इस मामले को जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू की. आपको बता दें कि कोर्ट में अरपा नदी में अवैध उत्खनन और गंदगी को लेकर दायर जनहित याचिका सहित सभी मामलों की एक साथ सुनवाई चल रही है.

   नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों का नहीं हो रहा पालन

जनहित याचिका में कोर्ट को बताया गया है कि अरपा नदी में अवैध उत्खनन जानलेवा साबित हो रही है. रेत उत्खनन में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के निर्देशों का पालन नहीं हो रहा है. साथ ही नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है. इसके साथ ही अरपा के किनारे पौधरोपण और अवैध घाटों को बंद करने की भी मांग की गई है. आरोप है कि नदी पर दोमुहानी से लेकर सेंदरी और घुटकू तक रेत माफियाओं ने खनिज विभाग की मिलीभगत से जगह-जगह गढ्ढे व खाई बना दिया है.

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   सिर्फ पेनाल्टी से काम नहीं चलेगा: हाईकोर्ट 

हाईकोर्ट में इस दौरान दूसरी जनहित याचिका पर भी सुनवाई हुई. जिसमें अवैध खनन और नदी में गंदगी का मामला उठाया गया. सरकार ने कोर्ट को बताया कि अवैध उत्खनन को लेकर खनिज विभाग सख्ती से कार्रवाई कर रहा है. ठेकेदारों और परिवहन करने वालों पर फाइन लगाई जा रही है. जिस पर डिवीजन बेंच ने कहा कि सिर्फ पेनाल्टी से काम नहीं चलेगा. ऐसे लोगों के खिलाफ FIR भी दर्ज कराई जाए. मामले की अगली सुनवाई जुलाई में होगी.

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