Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कोरबा के सिटी मजिस्ट्रेट गौतम सिंह पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। हाईकोर्ट ने सिटी मजिस्ट्रेट के उस आदेश को स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन माना है, जिसमें उन्होंने प्रतिबंधात्मक धारा के तहत जेल भेजने का निर्देश दिया था।
सिटी मजिस्ट्रेट ने साल्वेंट श्योरिटी की लगाई थी शर्त
कोरबा के बालको में कार्यरत लक्ष्मण साकेत का घरेलू विवाद चल रहा था, जिस पर पत्नी ने सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने साकेत पर कार्रवाई करते हुए सिटी मजिस्ट्रेट के कोर्ट में पेश किया।
बेल बांड की राशि जमा करने के बावजूद, सिटी मजिस्ट्रेट ने साल्वेंट श्योरिटी की शर्त लगाई, जिसे शाम होने के कारण पूरा नहीं किया जा सका। इसके आधार पर सिटी मजिस्ट्रेट ने साकेत को जेल भेज दिया।
जेल भेजने के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में की अपील
लक्ष्मण साकेत ने सिटी मजिस्ट्रेट के जेल भेजने के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की। मामले में छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्य सचिव, सिटी मजिस्ट्रेट कोरबा, गृह विभाग के सचिव, पुलिस अधीक्षक कोरबा, सिविल लाइन थाना प्रभारी और शिकायतकर्ता संध्या साकेत को पक्षकार बनाया गया। याचिका में कहा गया कि सिटी मजिस्ट्रेट को साल्वेंट श्योरिटी मांगने का अधिकार नहीं है, यह फैसला गलत है।
हाईकोर्ट ने फैसले को अवैध करार दिया
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Bilaspur High Court) की पीठ ने लक्ष्मण साकेत की याचिका पर सुनवाई की और सिटी मजिस्ट्रेट के जेल भेजने के फैसले को अवैध करार दिया। कोर्ट ने कहा कि यह फैसला याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकारों का हनन है। इसके अलावा, कोर्ट ने कोरबा पुलिस और अपर कलेक्टर पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया और 30 दिन के भीतर भुगतान करने का निर्देश दिया।
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