Bilaspur High Court: डीएलएड अभ्यर्थियों ने उच्च न्यायालय में एक कैविएट दायर किया है। दरअसल, उच्च न्यायालय ने बीएड उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को सहायक शिक्षक के पद के लिए अनुपयुक्त मानते हुए केवल डीएलएड उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को इस पद के लिए योग्य ठहराया है।
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हाईकोर्ट ने बीएड सहायक शिक्षकों की नियुक्ति की थी रद्द
इससे पहले, हाईकोर्ट ने बीएड उत्तीर्ण सहायक शिक्षकों की नियुक्ति रद्द कर दी थी और उनकी जगह डीएलएड योग्यता वाले अभ्यर्थियों को सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति के लिए संशोधित चयन सूची तैयार करने का आदेश दिया था, जिसमें 6 सप्ताह के अंदर नियुक्ति की जानी थी।
बीएड अभ्यर्थियों को सर्वोच्च न्यायालय से भी नहीं मिली राहत
इसके खिलाफ दायर याचिका में बीएड अभ्यर्थियों को सर्वोच्च न्यायालय से भी कोई राहत नहीं मिली। उच्च न्यायालय के आदेश का पालन नहीं होने पर अवमानना याचिका दायर की गई, जिस पर नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया।
डीएलएड अभ्यर्थियों की नियुक्ति मेरिट आधार पर करने के निर्देश
इस बीच, 30 दिसंबर 2024 को राज्य सरकार ने कोर्ट के आदेश के अनुसार बीएड उत्तीर्ण सहायक शिक्षकों को सेवा से हटाने का आदेश दिया और उनकी जगह डीएलएड अभ्यर्थियों की नियुक्ति मेरिट के आधार पर करने के लिए निर्देश जारी किए। इसके साथ ही दावा आपत्ति के लिए 7 दिनों का समय दिया गया।
डीएलएड उत्तीर्ण मुख्य याचिकाकर्ता विकास कौशिक और अन्य ने हाईकोर्ट के वकील अजय श्रीवास्तव के माध्यम से कैविएट दायर किया है। इसके तहत यदि बीएड अभ्यर्थी इस आदेश के खिलाफ रोक लगाने के लिए याचिका दायर करते हैं, तो उनका पक्ष सुने बिना कोई अंतरिम आदेश जारी नहीं किया जाएगा।