Bilaspur High Court:
बिलासपुर (Bilaspur)। छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग में एक बार फिर नियमों की अनदेखी सामने आई है। रायपुर में पुलिस विभाग के शौर्य पेट्रोल पंप (Shaurya Petrol Pump) में कार्यरत एक रिटायर्ड सहायक उप निरीक्षक (ASI) को सेवानिवृत्ति के बाद भी अपने सभी देय लाभों से वंचित रखा गया। जबकि अदालत द्वारा स्पष्ट आदेश दिए गए थे कि उन्हें 45 दिन के भीतर सभी भुगतान कर दिए जाएं।
1 करोड़ गबन का आरोप, लेकिन कोर्ट ने वसूली पर लगाई थी रोक

पूर्व एएसआई पर शौर्य पेट्रोल पंप में अनियमितता और 1 करोड़ से ज्यादा के गबन का आरोप लगाया गया था। वर्ष 2017 में विभागीय जांच के बाद उन पर करीब ₹10 लाख की वसूली का आदेश जारी किया गया।
इस आदेश को चुनौती देते हुए एएसआई ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर कोर्ट ने वसूली पर रोक लगा दी थी।
रिटायरमेंट के बाद भी रोके गए लाभ
विवाद के बीच, एएसआई 21 फरवरी 2024 को सेवानिवृत्त हो गए। इसके बाद भी विभाग ने उनकी पेंशन (Pension), ग्रेच्युटी (Gratuity) और अन्य सेवानिवृत्ति लाभों (Retirement Benefits) का भुगतान रोक दिया।
इसके खिलाफ उन्होंने अपने वकील आरके केशरवानी (Advocate RK Kesharwani) के माध्यम से पुनः हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की।
कोर्ट ने दिया था 45 दिन में भुगतान का आदेश
हाईकोर्ट ने इस मामले में दोबारा सुनवाई करते हुए वसूली आदेश को निरस्त कर, विभाग को आदेश दिया था कि 45 दिनों के भीतर एएसआई को समस्त सेवानिवृत्ति लाभों का भुगतान किया जाए।
लेकिन आदेश की समयसीमा पूरी होने के बाद भी भुगतान नहीं हुआ, जिसके बाद पूर्व एएसआई ने अदालत में अवमानना याचिका (Contempt Petition) दायर की।
रायपुर एसपी को अवमानना नोटिस
अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए बिलासपुर हाईकोर्ट ने रायपुर के पुलिस अधीक्षक (SP Raipur) लाल उमेद सिंह (Lal Umed Singh) को अवमानना नोटिस (Contempt Notice) जारी कर जवाब मांगा है। अदालत ने स्पष्ट किया है कि यदि आदेश का पालन नहीं किया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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