Bilaspur CIMS Controversy: बिलासपुर के छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) में डीन पद को लेकर विवाद गंभीर हो गया है। हाल ही में हाईकोर्ट के आदेश पर निलंबित डीन डॉ. के के सहारे ने फिर से अपना पद संभाल लिया, जबकि शासन ने डॉ. रमणेश मूर्ति को डीन के रूप में नियुक्त किया है।
इस विवाद ने एक पखवाड़े से सिम्स की कार्य प्रणाली को प्रभावित किया है, और कर्मचारियों में भी उलझन की स्थिति उत्पन्न हो गई है, क्योंकि स्थिति अब तक स्पष्ट नहीं हो पाई है।
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सिम्स में दो डीन एक साथ काम कर रहे
सिम्स में डॉक्टर्स की कमी के बीच इस समय दो डीन कार्य कर रहे हैं। पिछले एक पखवाड़े से यह स्थिति बनी हुई है, जब डॉ. सहारे ने हाईकोर्ट से स्टे प्राप्त कर लिया। इसके बाद शासन ने डॉ. मूर्ति को डीन नियुक्त किया था।
इस प्रकार, अब सिम्स में दो डीन एक साथ काम कर रहे हैं, जिससे कार्यालय में असमंजस की स्थिति बन गई है। कर्मचारियों के लिए यह स्थिति चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि वे यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि किसके आदेश का पालन किया जाए।
ऐसे में दोनों डीनों को प्राथमिकता देना उनके लिए मजबूरी बन गई है। इसके अलावा, सिम्स में लॉबिंग का माहौल भी बन गया है, जिससे संस्थान का काम प्रभावित हो रहा है, लेकिन अधिकारी दावा कर रहे हैं कि सब कुछ सामान्य है।
23 सितंबर को हुई इस विवाद की शुरुआत
इस विवाद की शुरुआत 23 सितंबर को हुई, जब स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने सिम्स में शासी निकाय की बैठक ली थी। इस बैठक में डॉ. सहारे के अनुपस्थित रहने पर उन्हें निलंबित करने का आदेश दिया गया था।
डॉ. सहारे ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी, और कोर्ट ने उनके निलंबन आदेश पर रोक लगा दी। डॉ. सहारे का कहना है कि 22 सितंबर को उन्होंने चिकित्सा शिक्षा आयुक्त से तीन दिन की छुट्टी मांगी थी, क्योंकि उनके भाई का निधन हो गया था।
लेकिन उनके पक्ष को बिना सुने ही निलंबन की कार्रवाई की गई, जो नियमों के खिलाफ है।
कोर्ट के अगले आदेश का इंतजार
अब सिम्स के कर्मचारी और अधिकारी भ्रमित हैं कि किस डीन के आदेशों का पालन किया जाए, क्योंकि दोनों के आदेश अलग-अलग हो सकते हैं। शासन इस स्थिति में कोई रिस्क लेने को तैयार नहीं है, और शायद कोर्ट के अगले आदेश का इंतजार कर रही है।