भोपाल। प्रदेश में एक बार फिर से मॉनसून ने दस्तक दे दी है। जहां बारिश के कारण बिजली प्रभावित बने रहने रहने का खतरा है। वहीं प्रदेश दूसरे कारणों से भी अंधेरे में डूब सकता है। इसकी वजह बिजली कर्मचारियों का आंदोलन है। दरअसल बिजली विभाग के कर्मचारी बिजली वितरण (Power Distribution) व्यवस्था निजी हाथों में सौंपे जाने का विरोध कर रहे हैं। इसको लेकर कर्मचारियों ने सोमवार को दो घंटे विरोध प्रदर्शन किया है। साथ ही आंदोलन की चेतावनी भी दी है। इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 से बिजली वितरण व्यवस्था निजी हाथों में सौंपे जाने के प्रस्ताव का विरोध किया जा रहा है।
इसको लेकर बिजली विभाग के कर्मचारी और इंजीनियर्स ने सोमवार की शाम करीब 2 घंटे विरोध प्रदर्शन किया है। गोबिंदपुरा स्थित बिजली कार्यालय परिसर में सभी कर्मचारियों ने दो घंटे तक काम बंद कर इस प्रस्ताव का विरोध किया है। दरअसल इलेक्ट्रिसिटी बिल विधानसभा के मॉनसून सत्र में लाया जाना है। इस बिल का विरोध कर रहे बिजली संगठनों ने कहा कि बिल पूरी तरह से निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने और गरीब, सामान्य बिजली उपभोक्ताओं पर कुठाराघात होगा।
हड़ताल की दी चेतावनी…
बिजली कर्मचारियों ने इस हड़ताल के साथ प्रदेशभर में आंदोलन की चेतावनी भी दी है। साथ ही बिजली कर्मचारियों का कहना है कि 10 अगस्त को एक दिन की हड़ताल की जाएगी। इसके बाद एक बार फिर 24 से 26 अगस्त तक 2 दिन हड़ताल रहेगी। 27 जुलाई को नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्पलॉईस एन्ड इंजीनियर्स (एनसीसीओईई) के राष्ट्रीय पदाधिकारी केंद्रीय विद्युत मंत्री आरके सिंह को ज्ञापन देंगे। बिजली कर्मचारियों के संगठनों ने 10 अगस्त से प्रदेशव्यापी हड़ताल की चेतावनी दी है। वहीं 6 सितंबर से भी अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी बिजली कर्मचारियों ने दी है। जानकारी के मुताबिक बिजली कर्मचारियों और इंजीनियर्स की राष्ट्रीय समन्वय समिति नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्पलॉइज एंड इंजीनियर्स (एनसीसीओईई) की अगुवाई में देश भर के 15 लाख बिजली कर्मचारी और इंजीनियर इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं। अगर यह हड़ताल जारी रहेगी तो मप्र में बिजली संकट खड़ा हो सकता है।