हाइलाइट्स
- बिहार में 51 लाख फर्जी वोटर सूची से हटाए जाएंगे
- SIR अभियान में 18 लाख मृत मतदाता मिले
- 1 अगस्त को नई प्रारंभिक वोटर लिस्ट होगी जारी
Bihar Voter List Update 2025: बिहार में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) अभियान 2025 के तहत एक बड़ा अपडेट सामने आया है। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, राज्य की मतदाता सूची से लगभग 51 लाख नाम हटाए जाने की तैयारी है। इस निर्णय के पीछे प्रमुख कारण मृत मतदाता, स्थायी रूप से स्थानांतरित मतदाता और दोहरी प्रविष्टियां हैं।
सर्वे में क्या-क्या सामने आया?
चुनाव आयोग द्वारा 21 जुलाई, 2025 तक किए गए घर-घर सर्वेक्षण में निम्नलिखित आंकड़े सामने आए:
18 लाख मृत मतदाता मतदाता सूची में दर्ज पाए गए।
26 लाख मतदाता ऐसे हैं जो या तो बिहार से बाहर चले गए या किसी अन्य विधानसभा क्षेत्र में स्थानांतरित हो गए हैं।
7.5 लाख से अधिक मतदाता ऐसे मिले, जिनके नाम एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत हैं।
इन तीनों श्रेणियों के आधार पर कुल 51 लाख नामों को मतदाता सूची से हटाने का प्रस्ताव है, जिससे केवल वास्तविक और पात्र मतदाता ही सूची में बने रहें।
गणना फॉर्म जमा करने की स्थिति
बिहार में वर्तमान में कुल 7.89 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं। इनमें से 97.30% मतदाताओं ने अपना गणना फॉर्म (Enumeration Form) समय पर जमा कर दिया है। केवल 2.70% मतदाताओं ने अभी तक फॉर्म नहीं जमा किया। यह फॉर्म 1 अगस्त, 2025 को प्रकाशित होने वाली प्रारंभिक मतदाता सूची में शामिल होने के लिए अनिवार्य है।
बूथ स्तर पर सक्रियता
निर्वाचन आयोग ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए व्यापक तैयारी की है। 98,500 से अधिक बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) और 1.5 लाख बूथ लेवल एजेंट्स (BLA) इस कार्य में लगाए गए हैं। इससे यह प्रक्रिया पारदर्शी, समावेशी और विश्वसनीय बन सके।
11,000 मतदाताओं का कोई सुराग नहीं
सर्वेक्षण के दौरान यह भी सामने आया कि 11,000 से अधिक मतदाताओं के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। आयोग अब इन मामलों की भी समीक्षा कर रहा है।
क्यों ज़रूरी है यह कार्रवाई?
यह कदम मतदाता सूची को शुद्ध और अद्यतन बनाए रखने के लिए उठाया गया है। मृत, स्थानांतरित और दोहरे नाम वाले मतदाताओं को हटाकर चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को सुनिश्चित किया जाएगा। इससे आगामी चुनावों में फर्जी मतदान पर रोक लगेगी और केवल वास्तविक मतदाता ही मतदान में भाग ले सकेंगे।