पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि बिहार विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त करने के लिए ‘योग्य’’ है। उन्होंने इसके साथ ही अपनी यह मांग दोहराई। कई साल से बिहार को विशेष दर्जा देने की मांग कर रहे कुमार ने कहा कि इससे राज्य, केंद्र की विशेष सुविधाओं का हकदार होगा और यह बिहार के लिए जरूरी है। साप्ताहिक जनसंवाद कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग के मुताबिक बिहार पिछड़ा राज्य है।
इसमें गलत क्या है ?
उन्होंने सवाल किया, ‘‘(बिहार) सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद विकास दर पर्याप्त नहीं है। इसलिए हम बिहार को विशेष दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। इसमें गलत क्या है।’’संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए कुमार ने कहा कि नीति आयोग ने बिहार का आकलन करने के लिए पुराने मानकों का इस्तेमाल किया है और उसकी मूल्यांकन प्रक्रिया न्यायोचित नहीं है, क्योंकि राज्य हर साल सभी क्षेत्रों में विकास कर रहा है।
विशेष दर्जे की जरूरत
कुमार ने जोर देकर कहा, ‘‘मैं उन लोगों की परवाह नहीं करता जो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का विरोध करते हैं। हम सभी जानते है कि राज्य में प्रति व्यक्ति आय, मानव संसाधन और जीवन स्तर राष्ट्रीय औसत से कम है। बिहार में जनसंख्या घनत्व उच्च है। इसलिए बिहार को विशेष दर्जे की जरूरत है।’’
प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी
केंद्र सरकार द्वारा अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के अलावा अन्य जातियों की जनगणना कराने से इनकार के बाद बिहार सरकार द्वारा अपने स्तर पर जातीय जनगणना कराने की योजना के सवाल पर कुमार ने कहा, ‘‘हम जल्द ही इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाएंगे और उसके बाद राज्य में यह प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।’’