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Pitru Paksha: पिंडदान के लिए नहीं जा पा रहे गया, बिहार सरकार लाई E-पिंडदान की सुविधा, रजिस्ट्रेशन शुरू, इतना आएगा खर्चा

Pitru Paksha 2024: पिंडदान के लिए नहीं जा पा रहे गया, बिहार सरकार लाई E-पिंडदान (E- Pind Daan) की सुविधा, रजिस्ट्रेशन शुरू, इतना आएगा खर्चा

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Preeti Dwivedi
Pitru-Paksha-2024

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Pitru Paksha 2024 E-Pind Daan Facility: अगले महीने सितंबर से पितृपक्ष शुरू हो रहे हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार जब तक पितरों का पिंड दान बिहार के गया जी (Gaya Bihar News) में न किया जाए तब तक उनकी आत्मा को शांति नहीं मिलती, न ही हमें पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।

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पर समस्या तब आती है जब आज के समय में व्यवस्तता के चलते लोग बिहार के गया जी (Pinddan in Gaya) नहीं जा पाते और पितरों की तृप्ती नहीं हो पाती।

पर अब आपको टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। इसके लिए बिहार का टूरिज्म विभाग (Bihar Tourism Department) एक खास सुविधा लेकर आया है। जिसमें अब लोग चाहे भारत में हों या इससे बाहर विदेश में, कहीं से भी घर बैठे आनलाइन व्यवस्था (Pindadan Online Service) के माध्यम से पिंड दान कर सकेंगे।

बिहार के टूरिज्म डिपार्टमेंट द्वारा गया में पिंडदान करने के लिए ई-पिंडदान की सुविधा दी जा रही है। ई-पिंडदान के लिए कैसे बुकिंग कर सकते हैं, इसके लिए कितना पैसा लगेगा आइए जानते हैं पूरी डिटेल।

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इस दिन से शुरू हो रहे हैं पितृपक्ष
हिन्दू पंचांग के अनुसार इस साल पितृपक्ष की शुरुआत 18 सितंबर से हो रही है। जिसकी समाप्ति 2 अक्टूबर को पितृमोक्ष अमावस्या के साथ हो जाएगी।

गया में इस दिन से शुरू होगा पितृपक्ष मेला

आपको बता दें बिहार के गया में इस साल पितृपक्ष मेला (Gaya Pitru Paksha Mela ) 17 सितंबर से शुरू होकर 2 अक्टूबर तक चलेगा। इस दौरान गया में पितरों (पूर्वजों) की मोक्ष प्राप्ति के लिए पवित्र फल्गु नदी में पिंडदान की परंपरा है। ये परंपरा कई सालों से चली आ रही है।

बिहार पर्यटन विभाग ने की तैयारी

इस मेले में देश विदेश से लाखों की संख्या में लोग आकर अपने पूर्वजों का पिंड दान करते हैं। इसे लेकर प्रशासन हर साल बड़ी तैयारियां करता है। इस दौरान अगर आप भी पिंडदान के लिए गया नहीं जा पा रहे हैं तो इसके लिए बिहार सरकार के पर्यटन विभाग ने ई पिंडदान की व्यवस्था की है।

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यानी अब परिजन विदेशों में बैठकर अपने पितरों का पिंडदान करवा सकेंगे। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग करके परिजनों को भेजने की व्यवस्था की जाएगी।

हर साल पहुंचते हैं 10 लाख लोग

आपको बता दें गया में पिंडदान करने के लिए हर साल करीब 10 लाख से ज्यादा लोग पहुंचते हैं। पर जो यहां आने की स्थिति में नहीं है तो इसके लिए ई-पिंडदान सबसे अच्छा विकल्प है। इसके माध्यम से श्रद्धालु घर बैठे ही गया जी में पितरों का पिंडदान कर सकेंगे।

ई पिंडदान में कितना होगा खर्चा

जानकारी के अनुसार गया जी में जो भी श्रृद्धालु ई पिंडदान करना चाहते हैं उनके लिए बिहार के पर्यटन विभाग ने 23 हजार का पैकेज तय किया है।

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ई-पिंडदान पैकेज में क्या-क्या

जानकारी के अनुसार ई-पिंडदान के पैकेज में पिंडदान के लिए जो चीजें शामिल होंगी, उसमें ब्राह्मण का दक्षिणा, पूजन सामग्री के अलावा और भी खर्च इंक्लूड हैं।

कैसे कर सकते हैं ई पिंडदान के लिए बुकिंग

आपको बता दें ई पिंडदान के लिए अगर आप भी आवेदन करना चाहते हैं तो इसके लिए आप पर्यटन निगम की वेबसाइट पर ऑनलाइन बुकिंग की जाएगी। इस पहल में सकारात्मक परिणाम भी दिख रहे हैं। जानकारी के अनुसार ऑनलाइन पिंडदान करने के लिए रूस, फ्रांस, अमेरिका और जर्मनी के लोग बुकिंग कर रहे हैं।

गया जी में कहां से होगा ई पिंडदान
आपको बता दें गया में ई पिंडदान के लिए ऑनलाइन बुकिंग के बाद उनके पितरों का पिंडदान पूरे विधि विधान से विष्णु पर मंदिर अक्षय वट और फल्गु नदी के किनारे किया जाएगा। ई-पिंडदान ऐप पर सबसे पहले विष्णु पद मंदिर में धार्मिक प्रक्रियाएं कराई जाएंगी, इसके बाद अक्षय वट, फल्गु नदी पिंड बेदी पर कर्मकांड कराया जाएगा।

पेन ड्राइव से भेजी जाएगी रिकॉर्डिंग

जो भी लोग अपने पितरों का पिंडदान आनलाइन करेंगे उन्हें इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी दी जाएगी। पेन ड्राइव में इसे सेव करके श्रद्धालुओं द्वारा दिए गए पते पर पोस्ट या कोरियर किया जाएगा।

यहां मिलेगी ई पिंडदान की पूरी जानकारी

अगर आप भी ई पिंडदान (डिजिटल पिंडदान ) करना चाहते हैं तो इसकी पूरी जानकारी आपको बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम की वेबसाइट पर मिल जाएगी।

ई पिंडदान पैकेज में क्या क्या

आपको बता दें निगम ने पिंडदान का जो पैकेज तैयार किया है, उसमें पिंडदान का शुल्क 21 हजार 500 रुपये रखा गया है। इसके अलावा 1429 सेवा शुल्क और 5% जीएसटी जोड़कर पूरा शुल्क 23000 निर्धारित किया गया है।

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