Bihar Elections 2020 : महागठबंधन ने जारी किया घोषणा पत्र, 10 लाख स्थायी नौकरी देने का किया वादा

बिहार। 3 नवबंर को बिहार विधानसभा Bihar Elections 2020 के चुनाव होने है। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले सभी राजनीतिक पार्टियां वोटरों को रिझाने का काम शुरू कर दिया है। राजनीतिक पार्टियां वोट के लिए नए नए तरीके भी अपना रहे है और तो और एक तरफ जहां पक्ष – विपक्ष पर आरोप लगा रहा है तो वही विपक्ष- पक्ष पर कई तरह के आरोप लगाएं है। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन ने आज सुबह घोषणा पत्र ‘प्रण हमारा संकल्प बदलाव का’ जारी कर दिया।
वेतन देने का वादा किया गया
इस बार के चुनाव में महागठबंधन अपने घोषणा पत्र ‘प्रण हमारा संकल्प बदलाव का’ में बेरोजगारी को मुख्य चुनावी मुद्दा बनाया। घोषणा पत्र में सरकार बनते ही कैबिनेट की पहली बैठक में 10 लाख स्थायी नौकरी देने के वादा किया गया है साथ ही शिक्षकों से समान काम के बदले समान वेतन देने का वादा किया गया है।
ये नेता रहे मौजूद
महागठबंधन ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजद नेता तेजस्वी यादव, सीपीआई एमएल की शशि यादव, सीपीआई एम के अरुण सिन्हा, सीपीआई के राम बाबू कुमार, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, कांग्रेस नेता अखिलेश सिंह और अन्य नेता मौजूद रहे।
मुझे उपमुख्यमंत्री क्यों बनाया?
इस दौरान तेजस्वी यादव ने युवाओं की बेरोजगारी के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि बिहार में सरकार की योजनाएं विफल रही । बिहार सरकार पर आरोप लगाते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 15 साल में कोई काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार थक चुके हैं और मेरे अनुभव पर सवाल उठाते हैं। वह जवाब दें कि मैं अगर अनुभवी नहीं था तो मुझे उपमुख्यमंत्री क्यों बनाया? 15 साल से डबल इंजन की सरकार है तो फिर सवाल किससे किया जाएगा? नीतीश कुमार रोजगार, गरीबी, भुखमरी और पलायन पर बात नहीं करते।
Patna: Mahagathbandhan releases its manifesto for the upcoming #BiharElections
RJD leader Tejashwi Yadav, Congress leader Randeep Singh Surjewala & Shaktisinh Gohil and other leaders are also present. pic.twitter.com/kDIPpUNCG3
— ANI (@ANI) October 17, 2020
घोषणा पत्र की मुख्य बातें
- पहली कैबिनेट में 10 लाख युवाओं को नौकरी देंगे।
- किसानों का ऋण माफ करेंगे।
- देश के हर राज्य में कर्पूरी श्रमवीर सहायता केंद्र बनेंगे, जहां किसी भी तरह की आपदा एवं आवश्यकता पड़ने पर श्रमवीर प्रवासी व उनके परिवार को बिहार सरकार से मदद मिल सकेगी।
- मनरेगा के तहत प्रति परिवार की बजाय प्रति व्यक्ति को काम का प्रावधान।
- न्यूनतम वेतन की गारंटी और कार्य दिवस को 100 से बढ़ाकर 200 किया जाएगा।
- राज्य के युवाओं के सभी सरकारी बहाली परीक्षाओं के आवेदन फॉर्म नि:शुल्क होंगे।
- राज्य के अंतर्गत गृह जिला से परीक्षा केंद्र तक की यात्रा मुफ्त होगी।मनरेगा की तर्ज पर ही रोजगार योजना भी बनाई जाएगी।
- संविदा प्रथा को समाप्त कर नियोजित शिक्षकों को स्थायी करेंगे, समान काम, समान वेतन की नीति पर अमल करेंगे।
- सभी विभागों में निजीकरण को समाप्त किया जाएगा। साथ ही स्थायी और नियमित नौकरी की व्यवस्था की जाएगी।