बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के हालिया फैसलों के विरोध में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों ने मंगलवार को शिक्षक दिवस पर काली पट्टी और बैज लगाकर काम किया.टीईटी प्राथमिक शिक्षक संघ के संयोजक राजू सिंह ने मंगलवार को ‘पीटीआई- को बताया कि , ”लगभग 15 शिक्षक संघों ने सर्वसम्मति से विभाग के हालिया फैसलों का विरोध करने का फैसला किया.
राज्य के 75,309 सरकारी स्कूलों के सभी शिक्षकों ने विरोध स्वरूप मंगलवार को बांह पर काली पट्टी बांधी. हालाँकि, उन्होंने दावा किया कि प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने आज अपने-अपने स्कूलों में सभी शैक्षणिक गतिविधियों में भाग लिया. हमारी मांग है कि सरकार को राज्य के कई सरकारी शिक्षकों के खिलाफ निलंबन सहित सभी विभागीय कार्रवाई तुरंत वापस लेनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि विभाग ने उन शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है जिन्होंने आगामी त्योहारी सीजन में छुट्टियों की संख्या कम करने के विवादास्पद आदेश सहित हालिया फैसलों के खिलाफ आवाज उठाई है.
जानिए क्या है पूरा मामला
राजू सिंह ने कहा, ”हम उन सभी संविदा शिक्षकों के लिए सरकारी कर्मचारी का दर्जा चाहते हैं जो पिछले कई वर्षों से काम कर रहे हैं.” सरकारी गतिविधियों में शामिल होना तुरंत बंद करें.शिक्षक पहले से ही गैर शैक्षणिक गतिविधियों में शामिल न होने का अनुरोध करते रहे हैं.
हमारे दबाव के कारण, आगामी त्योहारी सीजन के दौरान छुट्टियों की संख्या कम करने वाले विवादास्पद आदेश को वापस लेने का विभाग का निर्णय हमारी आंशिक जीत है। जब तक हमारी सभी मांगें नहीं मानी जाएंगी तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा।
शिक्षा विभाग ने सोमवार को वापस ले लिया था विवादित आदेश
उन्होंने कहा कि 9 सितंबर को शिक्षक पूरे बिहार में प्रखंड कार्यालयों के बाहर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का पुतला जलाएंगे. शिक्षा विभाग ने छुट्टियों की संख्या कम करने का विवादित आदेश सोमवार को वापस ले लिया था.
पिछले मंगलवार को शिक्षा विभाग ने स्कूलों के लिए एक संशोधित अवकाश कैलेंडर जारी किया था, जिसमें सितंबर और दिसंबर के बीच त्योहार की छुट्टियों को 23 से घटाकर 11 कर दिया गया था.
सोमवार शाम को जारी एक सर्कुलर में शिक्षा विभाग ने कहा था कि विभाग ने संशोधित अवकाश को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है और अवकाश से संबंधित पुराना कैलेंडर प्रभावी रहेगा.
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