हाइलाइट्स
-
हाईकोर्ट में ओबीसी आरक्षण मामले की चल रही है सुनवाई
-
86 याचिकाओं पर डबल बेंच एक साथ कर रही है सुनवाई
-
एमपी हाईकोर्ट में 87-13% फार्मूले को चुनौती देने की तैयारी
MP OBC Aarakshan Update: मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण को लेकर अभी और इंतजार करना होगा।
एमपी हाईकोर्ट (MP High Court) में आज मंगलवार को ओबीसी आरक्षण से जुड़ी 86 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई होना थी, लेकिन ये सुनवाई नहीं हो सकी है।
AG की सुप्रीम कोर्ट के बाद HC में सुनवाई की अपील
एमपी हाई कोर्ट में 1 मार्च को सुनवाई के दौरान महाअधिवक्ता (AG) प्रशांत सिंह ने हाई कोर्ट से अनुरोध किया था कि मामले में सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर याचिकाओं की सुनवाई 4 मार्च को है।
इसके बाद ही ओबीसी आरक्षण केस (MP OBC Aarakshan Update) में हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई की जाए। जिसके बाद हाई कोर्ट में सुनवाई की तारीख 12 मार्च को नियत कर दी थी।
हाईकोर्ट में 12 मार्च को इसलिए नहीं हुई सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में किसी कारण से 4 मार्च को सुनवाई नहीं हो सकी। सुप्रीम कोर्ट में अब ओबीसी आरक्षण (MP OBC Aarakshan Update) से जुड़ी ट्रांसफर याचिकाओं की सुनवाई 18 मार्च को होगी।
सुप्रीम कोर्ट में अभी सुनवाई नहीं हुई है। यही कारण है कि हाईकोर्ट (HC) ने 12 मार्च को होने वाली सुनवाई को आगे बढ़ा दिया है।
हाईकोर्ट में अब कब होगी सुनवाई
हाई कोर्ट जबलपुर (High Court Jabalpur) में ओबीसी आरक्षण मामले (MP OBC Aarakshan Update) की अगली सुनवाई की डेट अभी सामने नहीं आई है। हालांकि यह अप्रैल के पहले सप्ताह में ही नियम की जाएगी।
ओबीसी आरक्षण का ये है मामला
मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण (MP OBC Aarakshan Update) 27% कर दिया है। जिसके कारण प्रदेश में कुल आरक्षण 73 फीसदी हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कुल आरक्षण की अधिकतम सीमा 50 फीसदी ही निर्धारित की है। इसे ही लेकर हाई कोर्ट में याचिकाएं लगी हुई हैं।
आरक्षण के अलावा ये भी एक नया विवाद
हाई कोर्ट ने 1 मार्च को हुई सुनवाई के दौरान ये स्पष्ट कर दिया कि ओबीसी आरक्षण (MP OBC Aarakshan Update) के कारण 13% पदों को होल्ड कर 87% पदों पर भर्ती को उसने कभी कोई आदेश ही नहीं दिया।
जबकि प्रदेश में 87-13% फार्मूले से ही भर्ती हो रही है। इससे एक नया विवाद खड़ा हो गया।
जीएडी के आदेश को चुनौती देने की तैयारी
महाअधिवक्ता (AG) के अभिमत के आधार पर सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने 87-13% फार्मूले के आधार पर आदेश जारी कर दिया। जीएडी के इसी आदेश के आधार पर सरकार ने एमपी में नौकरियां देना शुरु कर दी।
अब इस आदेश को चुनौती देने की तैयारी है।