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भोपाल/जबलपुर। जबलपुर हाईकोर्ट ने आज अभिभावकों को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूलों के लिए आदेश जारी किया है। जबलपुर हाईकोर्ट ने दिया अंतरिम आदेश में कहा कि प्राइवेट स्कूल संचालक कोरोना काल में केवल ट्यूशन फीस ही ले सकेंगे। कोरोना काल के बाद अन्य चार्ज भी वसूल सकेंगे। मामले की अगली सुनवाई अब 10 सितंबर को होगी। प्राइवेट स्कूल संचालक 24 मार्च 2020 की तारीख से तय टीयूशन फीस ही ले सकेंगे। मामले की अगली सुनवाई और आपत्तियों पर भी सुनवाई 10 सितम्बर को होगी।
कोर्ट ने अंतरिम आदेश दिया
जबलपुर हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि प्राइवेट स्कूल संचालक इस दौरान ट्यूशन फीस नहीं बढ़ा सकते। लॉकडाउन से पहले स्कूलों तय ट्यूशन फीस की वसूली ही स्कूल कर सकते हैं। लॉकडाउन के बाद से ही इस याचिका पर लगातार सुनवाई चल रही थी, जिसके बाद कोर्ट ने अंतरिम आदेश दिया है.
ऑनलाइन क्लास लगाने का हवाला भी दिया
प्राइवेट स्कूल संचालक लॉकडाउन व कोरोना संकट के दौरान स्कूल बंद रहने के बावजूद पूरी फीस लेना चाहते थे। इसके पीछे लॉकडाउन में भी बच्चों की ऑनलाइन क्लास लगाने का हवाला भी दिया गया। इसको लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसपर सुनवाई के बाद फिलहाल अंतरिम फैसला कोर्ट ने दिया है।
सीएम ने शिक्षा विभाग को आदेश दिए थे
इसके पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शिक्षा विभाग को आदेश दिए थे। सीएम ने सख्ती से कहा है कि कोरोना संकटकाल में कोई भी निजी स्कूल बच्चों से ट्यूशन फीस के अलावा कुछ नहीं लेगा। इतना ही नहीं, फीस नहीं भर पाने वाले बच्चों को किसी भी स्थिति में स्कूल से नहीं निकाला जाएगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी शिक्षा विभाग की है। अधिकारी निजी स्कूलों की निगरानी करें और परेशानी में फंसे अभिभावकों का ध्यान रखें। शिवराज ने शिक्षा विभाग की गतिविधियों और नई शिक्षा नीति के संबंध में बैठक ली थी।