नई दिल्ली। दिल्ली की वायु गुणवत्ता रविवार को ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही और हवा की रफ्तार धीमी होने व विशेष रूप से पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि से इसके ‘गंभीर’ होने का अनुमान है। केंद्र सरकारी की वायु गुणवत्ता समिति ने प्रदूषण का स्तर बदतर होता देख शनिवार को अधिकारियों को दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में आवश्यक परियोजनाओं को छोड़कर निर्माण व तोड़फोड़ संबंधी सभी गतिविधियों पर पाबंदी लगाने और चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के तीसरे चरण के तहत अन्य प्रतिबंध लागू करने का निर्देश दिया था। दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुबह नौ बजे 367 रहा। शनिवार को 24 घंटे का एक्यूआई 397 दर्ज किया गया था।
बृहस्पतिवार को यह 254, बुधवार को 271, मंगलवार को 302 और सोमवार को (दिवाली पर) 312 रहा था। आनंद विहार (एक्यूआई 468) राजधानी का सबसे प्रदूषित स्थान रहा। वहीं, वजीरपुर (412), विवेक विहार (423) और जहांगीरपुरी (407) निगरानी स्टेशनों में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई। शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 को ‘मध्यम’, 201 से 300 को ‘खराब’, 301 से 400 को‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच एक्यूआई को ‘गंभीर’ माना जाता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के पर्यावरण निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र के प्रमुख वी के सोनी ने कहा, “प्रतिकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों के बीच शनिवार से दिल्ली-एनसीआर में धुंध की एक परत बनी हुई है। इसके दो और दिनों तक बने रहने का अनुमान है। मंगलवार से कुछ राहत मिलने की संभावना है।”
केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत आने वाली पूर्वानुमान एजेंसी ‘सफर’ ने कहा कि दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी शनिवार को बढ़कर 21 फीसदी हो गई, जो इस साल अब तक सबसे ज्यादा है।सफर के संस्थापक परियोजना निदेशक गुफरान बेग ने कहा कि रविवार को यह 40 प्रतिशत तक बढ़ सकती है, जिससे वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में जा सकती है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय रविवार को जीआरएपी के तीसरे चरण के तहत लागू किए जाने वाले उपायों पर चर्चा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे।