हाइलाइट्स
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22 फरवरी को भोपाल में होने वाला आंदोलन स्थगित
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पटवारी भर्ती पर रोक लगाने हाईकोर्ट में लगेगी याचिका
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कल भोपाल में उम्मीदवार करेंगे प्रेस कांफ्रेंस
MP Patwari Recruitment Issue: मध्य प्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा को क्लीन चिट मिलने और नियुक्ति प्रक्रिया शुरु होने के विरोध में नाराज उम्मीदवार अब कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।
पटवारी भर्ती प्रक्रिया (MP Patwari Recruitment Issue) पर रोक लगाने जल्द ही उम्मीदवार हाई कोर्ट में याचिका दायर करेंगे।
पहले समझें पूरा मामला है क्या
पटवारी भर्ती परीक्षा में तथाकथित गड़बड़ी (MP Patwari Recruitment Issue) की बात सामने आने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस वर्मा की अध्यक्षता में कमेटी गठित की और भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी।
MP Patwari Recruitment Issue: पटवारी नियुक्ति के खिलाफ उम्मीदवार अब लड़ेंगे कानूनी लड़ाई, जांच के बाद भर्ती प्रक्रिया के विरोध की ये वजह https://t.co/jXxVLuChk2 @DrMohanYadav51 @ChouhanShivraj @karansingh_158 @NEYU4INDIA @jitupatwari @UmangSinghar#PATWARIEXAM #PATWARI_SCAM… pic.twitter.com/BCRj2ycm1e
— Bansal News (@BansalNewsMPCG) February 21, 2024
हाल ही में जांच रिपोर्ट में मामले को क्लीन चिट दे दी और प्रशासन ने पटवारी भर्ती प्रक्रिया शुरु कर दी। पटवारी भर्ती परीक्षा के अन्य उम्मीदवारों ने इस जांच रिपोर्ट को खरिज कर दिया और प्रक्रिया पर सवाल उठाए।
22 फरवरी को होने वाला आंदोलन स्थगित
एमपी में पटवारी भर्ती प्रक्रिया (MP Patwari Recruitment Issue) बहुत तेजी से हो रही है। ऐसे में उम्मीदवार यदि आंदोलन में व्यस्त हो गए तो सभी पदों पर नियुक्ति ही हो जाएगी।
इसलिए नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन (एनईवाययू) ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। 22 फरवरी को होने वाले आंदोलन को फिलहाल स्थगित कर दिया है और कानूनी लड़ाई की तैयारी शुरु कर दी है।
पांच प्वाइंट से समझें उम्मीदवारों के विरोध की वजह
1. टॉपर को नहीं पता MP की राजधानी: पटवारी भर्ती परीक्षा की टॉप 5 टॉपर में शामिल पूनम रजावत के एक वीडियो इंटरव्यू ने सबसे ज्यादा सवाल खड़े किये।
भर्ती परीक्षा से जुड़े उम्मीदवारों को ये बात अब तक गले में नहीं उतर रही कि जिस परीक्षा की टॉपर को एमपी की राजधानी नहीं पता, जिसे प्रदेश के संभाग और जिलों की जानकारी नहीं वह टॉप कैसे कर सकती है।
2. दस में से 7 टॉपर एक ही सेंटर से कैसे: एनवायईयू के राधे जाट बताते हैं कि एक ही सेंटर एनआरआई कॉलेज से दस में से 7 टॉपर आने को आप संयोग कह सकते हैं।
लेकिन इसी सेंटर से टॉप करने वाली टॉपर जब मध्य प्रदेश की राजधानी दिल्ली बताती हैं तो इस संयोग को मानने का कोई आधार नहीं बचता। यह पहली ऐसी परीक्षा है जिसके टॉपर छुपते फिर रहे हैं।
3. जांच में तकनीकी पहलु शामिल नहीं: एनवायईयू का आरोप है कि हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस से जो जांच कराई गई, उसका आधार उम्मीदवारों की शिकायतों को बनाया गया।
इसमें विवादित एनआरआई सेंटर के सीसीटीवी फुटेज, आनलाइन प्रक्रिया में चूक, सीएलआर की जांच जैसे तकनीकी पहलुओं को शामिल ही नहीं किया गया, जिससे सच का पता चलता।
4. जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया: उम्मीदवारों का आरोप है कि यदि जांच निष्पक्ष और सही की गई है तो फिर डर किस बात का। इसे सार्वजनिक की जाना चाहिए।
यदि पब्लिक डोमेन में नहीं रख सकते तो किसी सक्षम न्यायालय को प्रस्तुत करें, जिससे पटवारी भर्ती परीक्षा और प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो रहे हैं उनका पटाक्षेप हो सके।
5. इकलौती भर्ती जो 100 प्रतिशत पर हो रही: एनवायईयू के अनुसार यह इकलौती ऐसी परीक्षा है जो 100 प्रतिशत भर्ती के साथ हो रही है।
ओबीसी आरक्षण को लेकर हाई कोर्ट में लगी याचिका के बाद शासन ने यह फैसला लिया था कि ओबीसी के 13 प्रतिशत पदों को होल्ड कर भर्ती करेंगे, लेकिन पटवारी भर्ती 87 प्रतिशत की जगह 100 फीसदी पदों पर हो रही है।
तीन दिन में दायर करेंगे याचिका!
नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन (NEYU) कोर टीम के मेंबर राधे जाट ने कहा कि पटवारी भर्ती प्रक्रिया में हो रही गड़बड़ी (MP Patwari Recruitment Issue) को लेकर हमारी हाई कोर्ट के वरिष्ठ वकीलों से बातचीत चल रही है।
हम तीन दिनों के अंदर हाई कोर्ट जबलपुर में सभी तथ्यों के साथ याचिका लगाएंगे।
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27 फरवरी तक टल गया है आंदोलन
पटवारी भर्ती (MP Patwari Recruitment Issue) पर रोक लगाने के लिये उम्मीदवार पहले कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। यही कारण है कि 22 फरवरी, गुरुवार को भोपाल में होने वाले आंदोलन को 27 फरवरी तक टाल दिया है।
कल 22 फरवरी को उम्मीदवार राजधानी भोपाल में तमाम पहलुओं को लेकर प्रेस कांफ्रेंस कर सकते हैं।