BHOPAL:ये खबर बेंगलुरु से आई है जहां प्रख्यात हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ. सी. एन. मंजूनाथ् ने चेतावनी दी है कि वर्ष 2030 तक हृदय संबंधी बीमारियों से भारत में सर्वाधिक मौतें होंगी। उनका आकलन है कि उस समय हर चौथी मौत हृदय संबंधी बीमारियों(BIG HEALTH REPORT) से होगी।
क्या है पूरा मामला-BIG HEALTH REPORT
दरअसल बेंगलुरु में 22 मई को प्रख्यात हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ. सी. एन. मंजूनाथ् ने चेतावनी दी है कि वर्ष 2030 तक हृदय संबंधी बीमारियों से भारत में सर्वाधिक मौतें होंगी। उनका आकलन है कि उस समय हर चौथी मौत हृदय संबंधी बीमारियों से होगी।यह चौकाने वाली बात मंजूनाथ ने एचएएल के डॉक्टरों के लिए ‘‘ स्वस्थ्य कार्यबल सुनिश्चित करें’’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन ‘‘एचएएल मेडिकॉन-2022’’ को संबोधित करते हुए यह बात कही है।
प्रख्यात हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ. सी. एन. मंजूनाथ् ने दिया बचाव-BIG HEALTH REPORT
श्री जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवैस्कुलर साइंसेज ऐंड रिसर्च के निदेशक ने इस स्थिति से बचने के लिए संपूर्ण और एकीकृत प्रयास करने का आह्वान किया जिसमें तनाव प्रबंधन और स्वस्थ जीवन शैली को अंगीकार करना शामिल है। उन्होंने कहा, ‘‘युवाओं और अधेड़ उम्र की आबादी में हृदय की समस्या बढ़ रही है और यह चेतावनी है।’’
बचने के उपाय
वहीं, अगर आप लाइफ स्टाइल को ठीक करेंगे तो हार्ट अटैक से बच सकते हैं। इस मामले में योग एवं आयुर्वेद के एक्सपर्ट ने बताया कि हार्ट अटैक से बचने के लिए बहुत सारे उपाय हैं। इसके लिए सबसे पहले अपनी लाइफ स्टाइल को दुरुस्त बनाना पड़ेगा। साथ ही साथ खानपान में बहुत ही अधिक सिलेक्टिव बनना पड़ेगा। जो भी चीजें दिल के स्वास्थ्य के अनुकूल नहीं हैं उन चीजों से परहेज रखना पड़ेगा। मसालेदार भोजन, जंक फूड, मैदे के बने फूड, बांसी तला भुना और असमय भोजन। इन सब चीजों से परहेज रखना पड़ेगा।
दिल मजबूत करने के भारतीय योग-प्राणायाम
कुछ आसन और प्राणायाम अपनाएं तो हार्ट अटैक की संभावना बहुत कम हो जाती है। नियमित योगाभ्यास और प्राणायाम यदि दिल की बीमारी से आशंकित कोई व्यक्ति प्रतिदिन योग व्यायाम करने लगता है तो उसे हृदय रोग का खतरा 80 से 90% कम हो जाता है। इसके लिए शशांक आसन, धनुरासन, ताड़ासन, कटिचक्रासन, वज्रासन, सूर्य नमस्कार जैसे आसनों को अपनाना चाहिए। इसके अलावा अनुलोम विलोम, चंद्र भेदन, नाड़ी शोधन, भ्रामरी और शीत प्राणायाम इसमें बेहद लाभप्रद हैं। अंगुलियों से कुछ मुद्रा भी रोज बनाएं। दरअसल, दो अंगुलियों को आपस में स्पेशल डिजायन में मिलाने को मुद्रा कहा जाता है। ऐसी ही एक मुद्रा है जिसका नाम है अपान वायु मुद्रा। इसे हृदय मुद्रा भी कहते हैं। इसमें अपने बाएं हाथ की हथेली के अंगूठे के पास वाली उंगली की ऊपर वाले हिस्से को अंगूठे की जड़ में लगाते हैं। छोटी उंगली को छोड़कर बाकी बची दोनो उंगलियों को अंगूठे के अगले हिस्से से धीरे से मिला देते हैं। इस तरह से हृदय मुद्रा बनती है। यदि किसी को कभी भी एक भी बार दिल का दौरा पड़ा है तो इसे नियमित तौर पर लगातार एक बार में 30 से 45 मिनट लगाए रखने पर बहुत ही अधिक चमत्कारिक प्रभाव दिखाता है।
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