मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा, पुलिस के हत्‍थे चढ़े गिरोह के सदस्‍य

मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा, पुलिस के हत्‍थे चढ़े गिरोह के सदस्‍य

भोपाल: राजधानी में साइबर क्राइम ब्रांच पुलिस ने मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के तीन सदस्यों को पुणे और इंदौर से गिरफ्तार कर लिया है। फिलहाल उनसे पूछताछ जारी है। बता दें कि यह अंतर्राज्यीय गिरोह मेडिकल स्टूडेंट्स से एडमिशन के नाम पर धोखाधड़ी कर अब तक देशभर के 172 युवाओं से करीब एक करोड़ रुपये ठग चुके हैं, जिनमें मध्यप्रदेश के 26 छात्र हैं।

ऐसे पकड़ाया गिरोह

दरअसल, साइबर पुलिस को शिकायत मिली थी कि इंदौर में एक नीट काउंसलिंग नामक कंपनी है जो कि मेडिकल स्टूडेंट्स को कॉलेज में एडमिशन के नाम पर छात्रों को संपर्क करके ठगी कर रही है। इसके बाद आरोपियों ने भोपाल के एक छात्र से एमपी नगर में मुलाकात की और दो बैंक अकाउंट में पैसे जमा करवाए। लेकिन छात्रा को मेडिकल कॉलेज में एडमिशन नहीं मिला तो उसने उन लोगों से संपर्क करने का प्रयास किया तो उनके फोन बंद मिले। जिसके बाद ठगी का शिकार हुए छात्र ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।

साइबर क्राइम ब्रांच ने की जांच

शिकायत मिलने के बाद साइबर क्राइम ब्रांच ने जब जांच की तो पता चला कि आरोपी अरविंद कुमार अपने दो दूसरे साथियों के साथ मिलकर नीट काउंसलिंग के नाम पर फर्जी कंपनी चला रहा था। जिसके बाद आरोपी फरियादियों से संपर्क कर उन्हें मेडिकल कॉलेज में एडमिशन का झांसा देते थे और उनसे मुलाकात करने के बाद मोटी रकम कंपनी के करंट अकाउंट में जमा कराते थे। इसके अलावा जब पैसा उनके अकाउंट में पहुंच जाता था तो वो छात्रों से संपर्क करना बंद कर देते थे।

फर्जी वेबसाइट के जरिए देते थे छात्रों को झांसा

जानकारी के अनुसार आरोरियों ने नीट काउंसलिंग के नाम पर एक फर्जी बेवसाइट बना रखी थी, इसी वेबसाइट के माध्यम से ये लोग नीट दे चुके छात्रों को फंसाते थे। इतना ही नहीं ये लोग छात्रों का डाटा स्टूडेंट डेटाबेस साइट से खरीदते थे और फिर नीट काउंसलिंग की फर्जी वेबसाइट पर अपलोड कर देते थे। डेटा अपलोड होने के बात स्टूडेंट्स को बल्क मैसेज और फोन करके संपर्क कर उन्हें नीट काउंसलिंग वेबसाइट विडिट करने को कहते थे, इसके बाद इस वेबसाइट पर 50,000, 25000 और 5000 रुपये में तीन प्रकार की सर्विस दी जाती थी.

50,000 रुपए की सर्विस में छात्रों को MBBS की सीट उपलब्ध कराने का झांसा दिया जाता था। छात्र और उनके परिवार से आरोपी मुलाकात करते थे और इसके बाद उनसे अलग-अलग सर्विस के नाम पर राशि अपने अकाउंट में ट्रांसफर करा लेते थे।

कॉल सेंटर से करते थे संपर्क

साइबर क्राइम ब्रांच की टीम ने तकनीकी साक्ष्य के आधार पर आरोपी अरविंद कुमार, राकेश कुमार और अनामिका को गिरफ्तार किया है। अरविंद कुमार फर्जी नाम से कंपनी और राकेश कुमार पंवार कॉल सेंटर चलाता था। तीसरी आरोपी अनामिका छात्रों को फंसाकर अपने इन साथियो से उनकी मीटिंग कराती थी। आरोपियों के पास से 15 कंप्यूटर, 12 लैपटॉप, 27 मोबाइल फोन, 13 एटीएम कार्ड, एक पासपोर्ट, दो बैंक चेक बुक समेत कई दस्तावेज बरामद हुए हैं।

Share This

Login

Welcome! Login in to your account

Remember me Lost your password?

Lost Password