हाइलाइट्स
-
EWS आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
-
दिसंबर 2019 के बाद हुई भर्तियों पर पड़ेगा असर!
-
EWS संघ ने आदेश को चुनौती देने की कही बात
MP EWS Candidate Reservation: मध्यप्रदेश में EWS उम्मीदवारों को बड़ा झटका लगा है। EWS (Economically Weaker Section) कोटे को लेकर एमपी हाईकोर्ट ने अहम फैसला दिया है।
अब तक एमपी में भर्तियों में कुल पदों पर मिलने वाले 10% EWS आरक्षण को अवैधानिक करार दिया है। अब ये आरक्षण कुल पदों पर न मिलकर सिर्फ अनारक्षित वर्ग के पदों पर ही मिलेगा।
ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) आरक्षण से जुड़ा ये अहम फैसला एमपी हाईकोर्ट (MP High Court) के जस्टिस विवेक अग्रवाल की सिंगल बेंच ने दिया है।
2020 से हुई भर्तियों में फंस गया पेंच
हाईकोर्ट जबलपुर (High Court Jabalpur) के आदेश के बाद मध्यप्रदेश में साल 2020 से हुई भर्तियों पर बड़ा पेंच फंस गया है।
इन भर्तियों में कुल पदों पर EWS उम्मीदवारों को 10 फीसदी आरक्षण (MP EWS Candidate Reservation) मिला हुआ है।
इसी आरक्षण के कारण हजारों उम्मीदवार विभिन्न विभागों के अलग-अलग पदों पर ज्वाइन भी कर चुके हैं। अब इन सभी भर्तियों में पेंच फंस गया है।
गलत रोस्टर हुआ जारी!
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को बताया गया कि मध्य प्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग ने 19 दिसंबर को त्रुटिपूर्ण रोस्टर जारी करके EWS को 100% पदों के विरूद्ध 10% पद आरक्षित कर दिए।
जिसके बाद 2019 से लाखो पदों की भर्तियों में हजारों EWS अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे दी गई।
तो मच सकता है सियासी बवाल!
मध्यप्रदेश की राजनीति में EWS आरक्षण (MP EWS Candidate Reservation) काफी महत्वपूर्ण है। अब तक सवर्ण समुदाय के गरीब परिवारों से आने वाले बच्चे ही इस आरक्षण के माध्यम से भर्तियां पाते थे।
जबलपुर: हाईकोर्ट का अहम फैसला, भर्तियों में कुल पदों पर नहीं दिया जाएगा EWS आरक्षण#mpnews #MadhyaPradesh #highcourt #Jabalpur pic.twitter.com/nlwfySvj9P
— Bansal News (@BansalNewsMPCG) May 6, 2024
प्रदेश की राजनीति में सवर्ण समुदाय की खासी दखल है। ऐसे में हाईकोर्ट के फैसले के बाद सरकार यदि 4 साल में हुई भर्तियों को तुरंत सुधारती है तो इसमें सियासी बवाल मच सकता है।
हाईकोर्ट ने दिया अहम फैसला
एमपी हाईकोर्ट ने EWS आरक्षण के लागू किए जाने के संबंध में संविधान के अनुच्छेद 15(6) तथा 16(6) की व्याख्या करके स्पष्ट किया कि सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10% आरक्षण की व्यवस्था की गई है।
EWS आरक्षण के लाभ से ओबीसी/एससी/एसटी वर्ग को निरूध रखा गया है। फिर कुल विज्ञापित पदों में से 10% पद EWS के लिए आरक्षित किया जाना संविधान के अनुच्छेद 16(6) के प्रावधान से असंगत है।
उक्त अनुच्छेद की मूल भावना के अनुसार कुल विज्ञापित पदों में ओबीसी/SC/ST को आरक्षित पदों को छोड़कर शेष अनारक्षित पदों में से EWS को 10% पद आरक्षित (MP EWS Candidate Reservation) होना चाहिए।?
EWS उम्मीदवारों को हुए नुकसान को ऐसे समझें
मान लीजिए कि किसी सरकारी भर्ती में 100 पद विज्ञापित किये हैं। जिसमें 16 पद SC को, 20 पद ST को, 27 पद ओबीसी वर्ग को और 37 पद अनारक्षित वर्ग के है।
अब तक EWS उम्मीदवारों को 10% आरक्षण (MP EWS Candidate Reservation) मिलता रहा है। इस हिसाब से 10 पद EWS उम्मीदवारों को मिलते।
अब यह आरक्षण अनारक्षित पदों पर मिलेगा। यानी 37 पद का 10 फीसदी मतलब EWS उम्मीदवार को 3 या 4 पद ही मिलेंगे।
डिवीजन बेंच में है 5 याचिकाएं
बता दें कि हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच में ews आरक्षण के गलत प्रवर्तन किए जाने को लेकर है पांच याचिकाए हैं।
EWS उम्मीदवारों को बड़ा झटकाः भर्ती के कुल पदों में से नहीं बल्कि अनारक्षित वर्ग का 10% होगा EWS कोटा, ये होगा नुकसान#EWS #MPHighCourt #MPNews #EWSReservation #recruitment @CMMadhyaPradesh @ChouhanShivraj @vdsharmabjp @HiralalTrivedi2 @GhanekarVeena
पूरी खबर पढ़ें :… pic.twitter.com/8WOxMX5mwe
— Bansal News (@BansalNewsMPCG) May 6, 2024
हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने 30 अप्रैल 2024 को स्वास्थ्य विभाग के लैब टेक्नीशियन भर्ती से जुड़ी याचिका क्रमांक WP/9692/2021 और Wp/10154/2022 में यह अहम फैसला सुनाया है।
फैसले को चुनौती देने की तैयारी
हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद इसे चुनौती देने की तैयारी शुरु हो गई है। EWS संघ जल्द ही इस पर पुनर्विचार याचिका या स्टे के लिए पिटीशन दाखिल करेगा।
संघ का कहना है कि EWS आरक्षण संविधान में संसोधन कर लाया गया था। जिसमें कुल पदों पर 10 फीसदी आरक्षण की बात थी।