iPhone Hack: आईटी मंत्रालय के सूत्रों ने कहा है कि केंद्रीय ऑनलाइन सुरक्षा एजेंसी सीईआरटी-इन (भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम) आईफोन “हैकिंग” प्रयासों के विपक्ष के दावे की जांच करेगी। CERT-In हैकिंग और फ़िशिंग जैसे साइबर सुरक्षा खतरों का जवाब देने के लिए जिम्मेदार राष्ट्रीय एजेंसी है।
महुआ मोइत्रा, प्रियंका चतुवेर्दी, राघव चड्ढा, शशि थरूर, पवन खेड़ा और सीताराम येचुरी सहित कई विपक्षी नेताओं ने मंगलवार को दावा किया कि उन्हें एप्पल अलर्ट मिला है जिसमें उनके आईफोन में राज्य प्रायोजित हैकिंग की चेतावनी दी गई है।
विपक्षी नेताओं के फोन पर हैकिंग से जुड़ी चेतावनी मिलने के बाद अब सरकार ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी (IT) मंत्रालय ने आइफोन बनाने वाली कंपनी ऐपल को इस संबंध में एक नोटिस भेजा है।IT सचिव एस कृष्णन ने कहा कि भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (CERT-IN) मामले की जांच कर रही है और ऐपल को एक नोटिस भेजा गया है।
क्या है मामला?
31 अक्टूबर को विपक्ष के कई नेताओं को आईफोन पर चेतावनी भरा मैसेज मिला था। इसमें सरकार प्रायोजित हमलवारों द्वारा उनके फोन को हैक करने की कोशिश किए जाने की बात कही गई थी।विपक्ष के कई नेताओं ने इस चेतावनी का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने उनका फोन हैक करने की कोशिश की है। सरकार ने अब मामले की जांच कराने का फैसला लिया है।
किन नेताओं को मिली थी चेतावनी?
तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा, कांग्रेस सांसद शशि थरूर, शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, आम आदमी पार्टी (AAP) सांसद राघव चड्ढा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPIM) के महासचिव सीताराम येचुरी, कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा, AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को ये चेतावनी मिली थी।राहुल गांधी के कार्यालय में काम करने वाले कुछ लोगों को भी चेतावनी मिली थी। कुछ पत्रकारों ने भी इस तरह की चेतावनी मिलने की बात कही है।
महुआ ने लोकसभा स्पीकर से की थी जांच की मांग
इस मामले को लेकर महुआ ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखा था। उन्होंने मामले को गोपनीयता का गंभीर उल्लंघन बताते हुए मौलिक अधिकारों पर बड़ा हमला बताया था और जांच की मांग की थी।महुआ ने कहा था, “हम भारत की संसद के प्रतिनिधि हैं और सरकार द्वारा उपलब्ध सॉफ्टवेयर का उपयोग कर अवैध निगरानी करना हमारे महान लोकतंत्र और मौलिक अधिकारों पर हमला है।” महुआ ने पत्र में पेगासस मामले को भी उठाया था।
सरकार ने कही थी जांच की बात
(IT) मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मामले की जांच की बात कही थी।उन्होंने कहा था, “कुछ सांसदों और अन्य नागरिकों ने मुद्दा उठाया है कि उनके पास ऐपल से अलर्ट आया है। मैं उनको ये स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि सरकार इसको लेकर गंभीर है और हम इसकी जड़ तक जाएंगे। हमने इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं।”वैष्णव ने विपक्षी नेताओं पर भटकाने की राजनीति करने का आरोप लगाया था।
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