Bhopal Zila Panchayat Meeting: भोपाल में करीब 4 महीने बाद गुरुवार, 27 मार्च को भोपाल जिला पंचायत की बैठक की शुरुआत हंगामे के साथ हुई। शुरुआत में सीईओ इला तिवारी ने मीडिया को बाहर जाने को कहा तो अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों ने आपत्ति जताई और कहा कि आम जनता को पता तो चलना चाहिए कि बैठक में क्या हुआ। हालांकि सीईओ के इस रवैए की मीडियाकर्मियों ने कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह से भी की। इसके बाद बैठक में पानी, बिजली के साथ अधिकारियों द्वारा सुनवाई नहीं करने का मुद्दा भी खूब गर्माया।
जनपद अध्यक्ष ने कहा-पूरे गांव की बिजली काटना अन्यायपूर्ण
जनपद पंचायत की बैठक में गुरुवार को उस समय विवाद की स्थिति बन गई, जब जनपद अध्यक्ष प्रमोद सिंह राजपूत ने बिजली कंपनी के ईई पंकज यादव पर तीखा हमला बोला। राजपूत ने आरोप लगाया कि बकाया राशि के नाम पर पूरे गांव की बिजली काटना अन्यायपूर्ण है। उन्होंने कहा, “आप यादव होने का फायदा उठा रहे हैं। आप ‘पंकज’ बाद में और ‘यादव’ पहले कहते हैं।”
बैठक में उपाध्यक्ष जाट ने भी गांवों में पानी की गंभीर समस्या को उठाया। उन्होंने पीएचई विभाग के इंजीनियर संजय सक्सेना पर पानी समस्या की अनदेखी और लापरवाही के आरोप लगाए।
सदस्य मेहर सहित कई प्रतिनिधियों ने गांवों में सड़क, पानी और बिजली की दुर्दशा को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि बार-बार शिकायतों के बावजूद अधिकारी सुनवाई नहीं कर रहे।
जनपद अध्यक्ष राजपूत ने चेतावनी दी कि यदि स्थिति नहीं सुधरी तो वह भूख हड़ताल पर बैठने को मजबूर होंगे।
हैंडपंप बंद होने पर जताई नाराजगी
जनपद सदस्य विक्रम भालेराव ने कहा कि गांवों में हैंडपंप बंद हो रहे हैं और अधिकारी मरम्मत तक नहीं करा रहे। लोगों की नाराजगी का सामना हमें करना पड़ता है। “काम नहीं हो रहा और हमें कहा जाता है कि हम विरोध कर रहे हैं।”
बैरसिया में स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई
सदस्य मेहर ने स्वास्थ्य विभाग की लचर स्थिति पर कहा कि बैरसिया की 3 लाख आबादी के बावजूद सिविल हॉस्पिटल में डॉक्टर नहीं हैं। उन्होंने एक महिला और एक पुरुष डॉक्टर की नियमित नियुक्ति की मांग की। इस पर सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने माना कि डॉक्टरों की कमी है।
शिक्षा विभाग पर सवाल
जनपद अध्यक्ष प्रमोद सिंह राजपूत ने सरकारी स्कूलों की जर्जर इमारतों की बात उठाई, वहीं उपाध्यक्ष जाट ने शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति पर कार्यवाही ना होने पर असंतोष जताया।
बैठक में सदस्य चंद्रेश राजपूत ने अफसरों से कहा, “अब क्या हम आपकी निगरानी भी करें?” जबकि भालेराव ने आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत मरीजों को होने वाली परेशानियों की जानकारी दी।
‘अफसर ठेकेदारों मिलकर कर रहे काम’
उपाध्यक्ष जाट ने कहा कि अफसर ठेकेदारों की बात सुनते हैं, लेकिन जनप्रतिनिधियों की नहीं।
बैठकों में प्रतिनिधियों का एंट्री नहीं
दोपहर 12 बजे हुई सामान्य प्रशासन समिति की बैठक में सिर्फ अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सभापति मौजूद रहे। 1:30 बजे साधारण सभा शुरू हुई, लेकिन प्रतिनिधियों की भागीदारी बेहद कम रही।
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5 महीने बाद हुई बैठक
यह बैठक जनप्रतिनिधियों और विभागीय अफसरों के बीच समन्वय का एकमात्र मंच होती है। नियमों के अनुसार, हर दो महीने में बैठक होनी चाहिए, लेकिन इस बार यह देरी से हुई क्योंकि भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और तत्कालीन सीईओ ऋतुराज सिंह के तबादले के चलते बैठक टलती रही। पिछली बैठक 9 नवंबर 2024 को हुई थी।
जानकारों ने बताया कि जनपद पंचायत की इस बैठक ने साफ कर दिया कि स्वास्थ्य, शिक्षा, जल संकट और जवाबदेही जैसे मुद्दों पर प्रशासन को गंभीर पहल करनी होगी, वरना जनप्रतिनिधियों और जनता दोनों का आक्रोश बढ़ता ही जाएगा।
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