Bhopal Water Crisis, भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल में करीब 8 लाख की आबादी को पानी की किल्लत (Water Crisis) से जूझना पड़ सकता है। जेसीबी (JCB) से खुदाई के दौरान कोलार पाइपलाइन का एयर वॉल्व (Air valve) टूटने से ये संकट खड़ा हुआ है। ऐसे में शहर के कई इलाकों में लोगों को भारी जल संकट का सामना करना पड़ सकता है।
दरअसल हबीबगंज रेलवे क्रॉसिंग (Habibganj Railway Crosing) के सामने गणेश मंदिर के पास जेसीबी से खुदाई चल रही थी। इसी दौरान कोलार पाइप लाइन का वाल्व बीच में आ गया। खुदाई के दौरान पाइप लाइन का वाल्व टूटने से गणेश मंदिर के सामने होशंगाबाद रोड पर पानी भर गया। इतनी बड़ी मात्रा में पानी बहने से नए और पुराने शहर की कम से कम 8 लाख आबादी को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है।
राजधानी में जल संकट !
गौरतलब है कि नर्मदा कोलार पाइप लाइन 32 साल पुरानी है। इसे 1988 में बिछाया गया था। हर साल छोटे- बड़े 50 से ज्यादा लीकेज होते हैं। वहीं बरखेड़ी रेलवे फाटक की पाइपलाइन लगभग पूरी खराब हो चुकी है। पानी की किल्लत ना हो इसे देखते हुए पिछले साल कम से कम 25 बार लीकेज सुधारे गए, लेकिन पानी बहना अभी तक नहीं रूका।
लीकेज सही करने में सलाना 1 करोड़ खर्च करता है निगम
अल्पना तिराहा, भोपाल टॉकीज, 1100 क्वार्टर्स आदि ऐसे स्थान हैं जहां अक्सर लीकेज हो जाता है। कोलार लाइन के लीकेज सुधार पर निगम साल भर में लगभग एक करोड़ रुपए खर्च कर देता है। मिली जानकारी ते मुताबिक मेंटेनेंस के बजट का बड़ा हिस्सा सिर्फ केवल लीकेज सुधारने में ही खर्च हो जाता है।
यहां रहेगी ज्यादा किल्लत
शहर के अरेरा कॉलोनी, पीएंडटी कॉलोनी, जवाहर चौक, साई बाबा नगर, नारियल खेड़ा, जेपी नगर, बाल विहार, पुतली घर, इब्राहिमगंज, चांदबड़, आरिफ नगर, कांग्रेस नगर, शांति नगर, ग्रीन पार्क, पीजीबीटी कॉलेज एरिया, काजी कैंप, शाहजहांनाबाद, टीला जमालपुरा, जनता क्वार्टर्स, गुलमोहर, पारस सिटी, नूरमहल, इमामी गेट, पीरगेट और अशोक कॉलोनी में पानी की किल्लत का लोगों को सामना करना पड़ सकता है।