हाइलाइट्स
- भोपाल की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए बैठक।
- सांसद आलोक शर्मा ने अधिकारियों के साथ बैठक की।
- भोपाल में स्कूलों में ई-रिक्शा प्रतिबंधित किए जाएंगे।
Bhopal School E-rickshaw Ban traffic improvement meeting: भोपाल शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुगम और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से शुक्रवार को कंट्रोल रूम में बैठक आयोजित की गई। जिसमें सांसद आलोक शर्मा (Bhopal MP Alok Sharma) ने जिला प्रशासन, पुलिस, नगर निगम और PWD विभाग के अधिकारियों की अहम चर्चा की। बैठक में लेफ्ट-टर्न सुधार, ई-रिक्शा नियंत्रण, ट्रांसफार्मर हटाने और पार्किंग व्यवस्था को लेकर अहम फैसले लिए गए। बैठक में फैसला लिया गया कि स्कूलों में ई-रिक्शा (E-rickshaw) प्रतिबंधित किए जाएंगे। यह फैसला स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिया गया है।
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— Bansal News Digital (@BansalNews_) July 18, 2025
सांसद ने PWD अधिकारियों को लगाई फटकार
बैठक के दौरान जब पीडब्ल्यूडी अधिकारी वर्किंग प्लान के बिना पहुंचे, तो सांसद आलोक शर्मा ने फटकार लगाते हुए सख्त लहजे में कहा कि, “बैठक में जब भी आएं, तो पूरी तैयारी के साथ आएं। आधे-अधूरे प्लान से शहर नहीं सुधर सकता।” सांसद ने निर्देश दिया कि एक सप्ताह के भीतर ट्रैफिक एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर लेफ्ट टर्न सुधार का प्लान एस्टीमेट सहित प्रस्तुत किया जाए।
42 चौराहों पर लेफ्ट टर्न की समस्या
भोपाल शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारु बनाने के लिए 42 प्रमुख चौराहों पर मौजूद लेफ्ट टर्न की समस्या को प्राथमिकता के साथ चिन्हित किया गया है। इनमें से 29 चौराहे पीडब्ल्यूडी के और 13 चौराहे नगर निगम के हैं। इन लेफ्ट टर्न्स पर अक्सर ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है, जिससे आमजन को खासी परेशानी होती है। अब ट्रैफिक की सुगमता के लिए इन चौराहों पर सुधार कार्य शुरू किया जाएगा। इसके लिए 3 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है।
विभागों को दिए गए निर्देश
बैठक में संबंधित विभागों को निर्देशित किया गया कि वे मैनिट (MANIT) के ट्रैफिक विशेषज्ञों की मदद से सभी 42 चौराहों की समीक्षा रिपोर्ट और एस्टीमेट शीघ्र तैयार करें, ताकि जल्द से जल्द कार्य प्रारंभ किया जा सके। इससे ट्रैफिक जाम में कमी आएगी और लोगों की आवाजाही आसान होगी। चौराहों की सुरक्षा और दृश्यता भी बेहतर बनेगी।
स्कूलों में ई-रिक्शा पर लगेगा प्रतिबंध
बैठक में ई-रिक्शा के अव्यवस्थित संचालन को लेकर गंभीर चिंता जताई गई। भले ही ई-रिक्शा को एक पर्यावरण अनुकूल परिवहन साधन माना जाता है, लेकिन इसके असुरक्षित उपयोग से शहर में कई समस्याएं बढ़ रही हैं। बैठक में यह बात सामने आई कि कई ई-रिक्शा नाबालिग चलाते हैं, और इन्हीं में बैठाकर छोटे बच्चों को स्कूल ले जाया जाता है, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है।
बच्चों को ई-रिक्शा में स्कूल भेजना सही नहीं
भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बैठक में स्पष्ट कहा कि “ई-रिक्शा में बच्चों को स्कूल भेजना सुरक्षित नहीं है। इन पर स्कूलों में पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि ई-रिक्शा का संचालन यदि नियमों के अनुरूप नहीं हुआ, तो यह भविष्य में सड़क सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है। बैठक में यह तय किया गया कि बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए अब ई-रिक्शा का उपयोग स्कूलों में प्रतिबंधित किया जाएगा।
बैठक में शहर की सड़कों पर अतिक्रमण और कंडम वाहनों को हटाने की मुहिम की समीक्षा भी की गई। ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बारिश के कारण यह अभियान कुछ दिनों के लिए बाधित रहा, लेकिन अब इसे फिर तेजी से चलाया जा रहा है।
ट्रांसफार्मर और खंबे भी हटाने होंगे
भोपाल की ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाने के प्रयासों के तहत सांसद आलोक शर्मा ने बैठक में एक और अहम मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि शहर की कई सड़कों पर बेतरतीब तरीके से लगाए गए ट्रांसफॉर्मर और बिजली के खंभे यातायात को बाधित कर रहे हैं, जिन्हें जल्द हटाया जाना चाहिए। सांसद ने कलेक्टर से आग्रह किया कि विद्युत विभाग और नगर निगम इन बाधाओं को दूर करने के लिए कदम उठाएं।
सांसद शर्मा ने सुझाव दिया कि एक स्पष्ट और सख्त पॉलिसी बनाई जाए, जिसके तहत यदि कोई व्यक्ति अपने घर के सामने, कॉलोनी या सड़क किनारे ट्रांसफॉर्मर या बिजली का खंभा लगवाना चाहता है, तो उसे पहले नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस की अनुमति लेना अनिवार्य हो।
बैठक में पार्किंग व्यवस्था पर चर्चा
पार्किंग व्यवस्था पर चर्चा करते हुए सांसद आलोक शर्मा ने निर्देश दिए कि स्मार्ट पार्किंग आम नागरिकों के लिए हो, न कि मासिक पास धारकों के लिए। उन्होंने कहा, पार्किंग सुबह 8 से रात 11 बजे तक खुली रहे और मासिक पास की सुविधा तत्काल बंद की जाए, ताकि आम लोगों को पार्किंग आसानी से मिल सके। कंट्रोल रूम में हुई बैठक की अध्यक्षता सांसद आलोक शर्मा ने की, जिसमें पुलिस आयुक्त हरिनारायण चारी मिश्र और कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह सहित सभी संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।