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Bhopal: राज्य में सामने आया डेल्टा प्लस का पहला मामला, जानिए कितना खतरनाक है यह वेरिएंट

Bhopal: राज्य में सामने आया डेल्टा प्लस का पहला मामला, जानिए कितना खतरनाक है यह वेरिएंटBhopal: The first case of Delta Plus came to the fore in the state, know how dangerous this variant is nkp

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Bansal Digital Desk
Delta Corona Variant: कोरोना के डेल्टा वैरिएंट से मचा हड़कंप, एक हफ्ते में मिले 33,630 नए मरीज

भोपाल। राज्य में दूसरी लहर से राहत की शुरुआत ही हुई थी कि एक नए वेरिएंट ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। राज्य में कोरोना के नए वेरिएंट डेल्टा प्लस (Delta Plus Variant) का पहला मामला सामने आया है। राजधानी भोपाल में कोरोना का नया वेरिएंट केस मिला है। मालूम हो कि देश में कोरोना की दूसरी लहर के लिए डेल्टा वेरिएंट को जिम्मेदार ठहराया गया था। ये नया वेरिएंट उसी का बदला स्वरूप है। लोग इस वेरिएंट को डेल्टा वेरिएंट से भी ज्यादा खतरनाक बता रहे हैं। उनका मानना है कि इस नए वेरिएंट पर मोनोक्लोनल एंटीबाडी काकटेल का भी असर नहीं होगा।

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15 सैंपल जांच के लिए भेज गए थे

बतादें कि, गांधी मेडिकल कालेज (जीएमसी) भोपाल से इस महीने 15 सैंपल जांच के लिए भेजे थे। जिसमें से मंगलवार को आई रिपोर्ट में एक सैंपल में डेल्टा प्लस वेरिएंट मिला है। हालांकि, अधिकारियों ने अभी इस नए वेरिएंट की पुष्टि नहीं की है। भोपाल के सीएमएचओ डा. प्रभाकर तिवारी ने कहा कि रिपोर्ट अभी उन्होंने देखी नहीं है, इसलिए फिलहाल इस पर कुछ नहीं कह सकते। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि नया वेरिएंट कितना खतरनाक है और दूसरे वेरिएंट से कितना अलग है।

फिर से वायरस का हुआ म्यूटेशन

दरअसल, कोरोना हर पल अपना स्वरूप बदलते रहता है। इसी कारण से यह खतरनाक भी बन जाता है। एक बार फिर से वायरस का म्यूटेशन हुआ है। हालांकि, सरकार का कहना है कि अभी तक डेल्टा प्लस वेरिएंट चिंताजनक वेरिएंट नहीं बना है। सरकार इस पर काम कर रही है, हमें बचाव के तरीके अपनाने होंगे और इसे फैलने से पहले ही रोकना होगा। अगर लोग लापरवाह हुए तो शायद एक बार फिर से देश में मुश्किलें बढ़ सकती हैं। नीति आयोग के मुताबिक डेल्टा प्लस वेरिएंट इस साल मार्च से ही देश में मौजूद है। नए म्यूटेशन को K417N नाम दिया गया है।

कितना खतरनाक है नया वैरिएंट

नए वेरिएंट की गंभीरता को लेकर एम्स के निर्देशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि इस वेरिएंट से भारत में मौजूद मोनोक्लोनल एंटीबाडी काकटेल के प्रभाव को झटका लग सकता है। हालांकि ‘डेल्टा प्लस’ वेरिएंट कितनी घातक हो सकती है, अभी तक इसका कोई संकेत नहीं मिला है। इस लिए चिंता की कोई बात नहीं है। लोग नए वेरिएंट से संक्रमित हो सकते हैं, लेकिन वे ज्यादा खतरनाक स्थिति में नहीं जाएंगे।

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नया वेरिएंट भारत के अलावा और कहां पाया गया?

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, नए रिसर्च में सामने आया है कि K417N के दो ग्रुप हैं। इनमें से एक दुनिया के कई देशों में हैं और दूसरा अमेरिका द्वारा GISAID पर अपलोड किए गए जीनोम सीक्वेंसिंग में पाया गया है। ‘डेल्टा प्लस’ के 63 जीनोम GISAID पर पाए गए हैं, जो कनाडा, जर्मनी, रूस, नेपाल, स्विटजरलैंड, भारत, पोलैंड, पुर्तगाल, जापान और अमेरिका से है।

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