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Bhopal: दो विभागों के आपसी खींचतान में जनता परेशान, जानिए 40 से अधिक इलाकों को क्यों किया गया ब्लैक आउट

Bhopal: दो विभागों के आपसी खींचतान में जनता परेशान, जानिए 40 से अधिक इलाकों को क्यों किया गया ब्लैक आउटBhopal: Public disturbed in the conflict between the two departments, know why more than 40 areas were blacked out

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Bansal Digital Desk
Bhopal: दो विभागों के आपसी खींचतान में जनता परेशान, जानिए 40 से अधिक इलाकों को क्यों किया गया ब्लैक आउट

भोपाल। दो सरकारी विभागों के आपसी खींचतान के बीच जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ये विभाग हैं बिजली कंपनी और नगर निगम। दरअसल, नगर निगम के पास इतने पैसे नहीं हैं कि वो बिजली का बिल जमा कर सके। वहीं निगम के इस ढुलमुल रवैये पर अब बिजली कंपनी सख्ती पर उतर आई है। उन्होंने राजधानी भोपाल के 40 से अधिक इलाकों को ब्लैक आउट कर दिया है। यहां पिछले दो दिनों से कई क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट बंद हैं। आखिर ऐसा क्यों हुआ, हम आज तसल्ली से जानने की कोशिश करेंगे।

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पहले भी की जा चुकी है कार्रवाई

मालूम हो कि जब हम किसी चीज को खरीदते हैं तो उसके लिए पैसे देने पड़ते हैं। यह नियम सबके लिए लागू होता है। नगर निगम के लिए भी। लेकिन निगम अपनी तंगहाल स्थिति में बिजली बिलों का भुगतान नहीं कर पा रहा है। ऐसा नहीं है कि यह पहली बार हुआ है। पहले भी कंपनी साल 2019 में स्ट्रीट लाइट से लेकर निगम के दफ्तरों तक के बिजली कनेक्शन काट चुकी है। वर्तमान में नेहरू नगर, शिवाजी नगर, एमपी नगर, चेतक ब्रिज, तुलसी नगर, अरेरा कॉलोनी, छोला रोड, साकेत नगर समेत करीब 40 स्थानों पर स्ट्रीट लाइट को बंद कर दिया गया है। हालांकि सोमवार को बिजली कंपनी और निगम के अधिकारियों के बीच हुए बैठक के बाद कुछ इलाकों में स्ट्रीट लाइट को फिर से स्टार्ट कर दिया गया।

दोनों विभागों की लड़ाई में जनता परेशान

वहीं नगर निगम का कहना है कि जब हम पैसे नहीं देते हैं तो बिजली कंपनी कार्रवाई करती है। लेकिन जब हम पानी के पैसे मांगते हैं तो कंपनी चुप्पी साध लेती है। बतादें कि इन दोनों विभागों के बीच हमेशा से ठनी रहती है और इसका खमियाजा जनता को भुगतना पड़ता है। वहीं दोनों विभागों के लोग बकाया चुकता करने के बजाय आपस में उलझकर राशि समायोजन करने से इनकार कर देते हैं।

इस मुद्दे पर भी है तकरार

मालूम हो कि इस वक्त राजधानी में 40 हजार से अधिक स्ट्रीट लाइट लगी हैं। इसके अलावा कई फिल्टर प्लांट है। सभी को चलाने के लिए बिजली की खपत होती है। ऐसे में बिजली कंपनी नगर निगम को प्रतिमाह एक एवरेज बिल देती है। इस एवरेज बिल पर भी विवाद है। निगम का कहना है कि जितने का बिल दिया जाता है हम उतने की बिजली यूज ही नहीं करते। हम जांच पड़ताल करके ही बिजली बिल जमा करते हैं। जब हमने जांच किया तो ये बिल हमारे यूज से ज्यादा के हैं। इस कारण से हमने अप्रैल 2020 से नियमीत बिजली बिल जमा नहीं किए हैं।

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कितना है बकाया

बिजली कंपनी के आंकड़ो के अनुसार नगर निगम पर स्ट्रीट लाइट के लिए 72 करोड़ रूपये और कोलार फिल्टर प्लांट के लिए 29 करोड़ रूपये बकाया है। यानी निगम को कुल 101 करोड़ रूपये देने हैं। लेकिन निगम ने अप्रैल 2020 से अब तक कुल 19.5 करोड़ रूपये ही जमा कराए हैं। जबकि बिजली कंपनी प्रतिमाह नगर निगम को 6.50 करोड़ रूपये की बिल देती है।

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