Bhopal Private School Order: मध्यप्रदेश में नया शिक्षा सत्र शुरू होने से पहले भोपाल कलेक्टर ने प्राइवेट स्कूलों को आदेश जारी किया है। इसमें स्कूलों में एडमिशन, यूनिफॉर्म और किताबों को लेकर निर्देश हैं। अगर किसी स्कूल ने किसी निर्धारित दुकान से यूनिफॉर्म या किताबें खरीदने का दबाव डाला तो उसके खिलाफ FIR की जाएगी।
कलेक्टर के आदेश में क्या है ?
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने आदेश में कहा कि दबाव बनाए जाने से स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के पेरेंट्स में नाराजगी होने के साथ तनाव की स्थिति भी बनती है। इसलिए यह आदेश जारी किया गया है। इसलिए दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा-144 के अंतर्गत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया गया है।
आदेश MP बोर्ड, CBSE, ICSE सभी प्राइवेट स्कूलों के लिए है। स्कूल संचालक आगामी शिक्षण सत्र प्रारंभ होने के पहले अनिवार्य रूप से लेखक और प्रकाशक के नाम, मूल्य के साथ कक्षा वार पुस्तकों की सूची स्कूल के सूचना पटल पर प्रदर्शित करें। स्टूडेंट्स द्वारा मांगने पर लिस्ट उपलब्ध कराई जाए।
हर स्कूल प्रबंधक और प्राचार्य अपने स्कूल में प्रत्येक कक्षा में लगने वाली पाठ्य-पुस्तकों और प्रकाशक की जानकारी को वेबसाइट E-Mail ID [email protected] पर 15 जनवरी तक अनिवार्यतः अपलोड करेंगे। इसकी हॉर्ड कॉपी डीईओ ऑफिस में जमा कराएंगे।
किसी भी तरह की शिक्षण सामग्री पर स्कूल का नाम अंकित नहीं होना चाहिए। कहीं से भी पुस्तकें या यूनिफॉर्म और अन्य आवश्यक सामग्री खरीदी जा सकती हैं।
किताबों के अलावा स्कूल यूनिफॉर्म, टाई, जूते, कॉपियां आदि भी उपलब्ध और विक्रय कराने की कोशिश नहीं करेंगे।
स्कूल यूनिफॉर्म में कोई बदलाव किया जाता है तो वह आगामी 3 शैक्षणिक सत्रों तक यथावत लागू रहेगा।
निजी स्कूल प्रबंधन परिवहन सुविधाओं के संबंध में परिवहन विभाग और स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों का पालन करेगा।
हर स्कूल में कक्षाओं में प्रवेश की प्रक्रिया और प्रवेश किस तारीख से किस तारीख तक होंगे, इसकी सूचना देना अनिवार्य होगा।
स्टूडेंट्स और पेरेंट्स को मजबूर नहीं कर सकेंगे स्कूल
भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने प्राइवेट स्कूल-कॉलेज संचालकों, बुक पब्लिशर और विक्रेताओं की मोनोपॉली खत्म करने के लिए आदेश जारी किए हैं। अब शहर के प्राइवेट स्कूल-कॉलेज के संचालक स्टूडेंट्स या पेरेंट्स को किसी खास दुकानों से ही यूनिफॉर्म, जूते, टाई, किताबें और कॉपियां खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकेंगे। न ही किताबों का पूरा सेट खरीदने के लिए मजबूर कर सकेंगे।
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पिछले साल भी कलेक्टर कौशलेंद्र ने जारी किए थे आदेश
फरवरी-मार्च में बच्चों की परीक्षाएं होंगी। इसके बाद अप्रैल में फिर से स्कूल खुलेंगे। इसी दौरान स्कूल स्टूडेंट्स और पेरेंट्स पर यूनिफॉर्म, बुक्स समेत बाकी शिक्षण सामग्री खरीदने के लिए दबाव बनाते हैं। आपको बता दें कि पिछले साल भी कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने स्कूलों के लिए नए शिक्षा सत्र से पहले आदेश जारी किए थे।
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