भोपाल। क्रेडाई द्वारा भोपाल मास्टर प्लान के संसोधनों पर दायर आपत्तियों पर आज दोपहर सुनवाई हुई। इस दौरान क्रेडाई-भोपाल के अध्यक्ष नितिन अग्रवाल, प्रवक्ता मनोज मीक, सचिव श्री समीर सबरवाल, कोषाध्यक्ष श्री संजीव सिंह ठाकुर सहित अनेक क्रेडाई ऑफ़िस बेयरर्स टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग कार्यालय मे उपस्थित रहे।
15 पेज की आपत्तियों किया गया प्रस्तुत
क्रेडाई ने राजधानी भोपाल के साथ हो रहे पक्षपात पर अब तक की सबसे विस्तृत आपत्तियां प्रस्तुत कीं, सुनवाई लगभग दो घंटे चली, 15 पेज की आपत्तियों को बिन्दुवार प्रस्तुत किया गया। दस से अधिक अध्यायों के घोर आपत्तिजनक प्रस्तावों से अवगत कराया गया। मास्टर प्लान की प्रारंभिक प्रस्तावना व क्षेत्राधिकार से लेकर अंतिम अतिरिक्त परिभाषाओं पर क्रेडाई द्वारा टिप्पणी की गयी। सुनवाई के समयाभाव तथा अन्य आपत्तिकर्ताओं के अवसरों को ध्यान में रखते हुए संवाद को संक्षिप्त रखा गया।
इन मुद्दों की हुई चर्चा
प्लान में तकनीकी त्रुटियों, व्यवहारिक बाधाओं, गणना की त्रुटियों, पक्षपाती रवैये, प्रगतिशीलता के अभाव, जीवनशैली के प्रतिकूल प्रावधानों और किफ़ायती आवासों पर पड़ने वाले प्रभावों सहित सुनियोजित विकास में बाधक घटकों की ओर शासन का ध्यान आकर्षित किया गया।
अनेक प्रावधानों पर दर्ज करायी आपत्तियां
मुख्य मार्गों की चौड़ाई, बेस एफ.ए.आर, आर.जी.-फोर जोन में 0.25 एफ.ए.आर, प्रीमियम एफ. ए.आर, सामुदायिक खुला क्षेत्र, सामान्य आवासीय स्वीकार्य गतिविधियाँ, औद्योगिक क्षेत्र, थोक भण्डारण, भोज ताल सहित सामान्य कृषि क्षेत्र सहित अनेक प्रावधानों पर भी आपत्तियां दर्ज करायी गई।
मध्यप्रदेश शासन की भोपाल विकास योजना को दशकों के विलंब के बाद चुनावी वर्ष में जल्दबाज़ी में इस अपरिपक्व विकास योजना लागू करने के प्रयास पर भी सवाल उठाया गया।
28 साल बाद मास्टर प्लान पर आई आपत्तियां
28 साल बाद नये मास्टर प्लान के नये संसोधनों पर इतनी भारी संख्या में आपत्तियां आना यह दर्शाता है कि इतने सालों बाद भी राजधानी की विकास योजना मे गंभीरता और परिपक्वता का अभाव है। विगत 28 वर्ष की अवधि में अन्य प्रगतिशील राजधानियों व शहरों के 2001, 2011 एवं 2021 में दो से अधिक मास्टर प्लान आ चुके हैं जिसके चलते ये शहर हमारी राजधानी के मुक़ाबले विकास में कई गुना आगे हैं। क्रेडाई की अपेक्षा है कि हमारी खूबसूरत राजधानी भोपाल का विश्वस्तरीय प्रगतिशील विकास सुनिश्चित किया जाये।
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