भोपाल: आज हमीदिया अस्पताल (Bhopal Hamidia hospital) के जूनियर डॉक्टर मरीजों की भलाई के लिए हड़ताल (junior doctors strike) पर रहेंगे। जूनियर डॉक्टर कॉलेज और अस्पताल में साफ-सफाई और सुरक्षा व्यवस्था की मांग को लेकर हड़ताल करेंगे। एचएमआईएस के लिए पर्याप्त ऑपरेटर उपलब्ध कराए जाने की भी मांग कर रहे हैं। इस हड़ताल से करीब 1500 मरीजों को परेशानी हो सकती है। 40 ऑपरेशन भी टलेंगे।
जूनियर डॉक्टरों की मानें तो तीन महीने से हमीदिया में जरूरी दवाएं और छोटी-छोटी जांचें भी नहीं हो रही हैं। ऐसे में मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जूनियर डॉक्टर दावा कर रहे हैं कि डीन डॉ. अरुणा कुमार और अधीक्षक डॉ. आईडी चौरसिया को भी इस संबंध में बता चुके हैं। लेकिन, करीब तीन महीने बाद भी परिस्थितियां जस की तस हैं। जब चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग को इस बारे में बताया गया उन्होंने सभी व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए थे। लेकिन, मंत्री के आदेश के बाद भी अब तक हालात नहीं सुधरे हैं।
400 जूनियर डॉक्टर, मरीज हो रहे हैं परेशान
हमीदिया और सुल्तानिया अस्पताल में करीब 400 जूनियर डॉक्टर काम करते हैं। इनके हड़ताल पर जाने से दोनों अस्पताल में रोजाना होने वाली करीब 40 सर्जरी टालना पड़ सकती है। यही नहीं दिनभर में 1500 से ज्यादा मरीज ओपीडी में आते हैं। जूनियर डॉक्टरों के मौजूद नहीं होने से मरीजों को परेशानी होगी।
इमरजेंसी और कोविड में करेंगे ड्यूटी
जूनियर डॉक्टरों ने अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए इमरजेंसी और कोरोना की व्यवस्था को सुचारू रखने का निर्णय लिया है। इमरजेंसी में छह घंटे की ओपीडी में 25 से ज्यादा केस पहुंचते हैं। जबकि, अभी कोरोना यूनिट में 20 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं।
ये भी हैं मांगें
– कोरोना से पीड़ित जूनियर डॉक्टरों को रेमडेसिवर इंजेक्शन के भुगतान का पैसा वापस दिया जाए।
– कॉलेज और अस्पताल की सफाई और सुरक्षा व्यवस्था में इजाफा किया जाए।
– डॉक्टर्स ड्यूटी रूम को व्यवस्थित किया जाए, ताकि ड्यूटी करने में सहूलियत हो।
– एचएमआईएस के लिए पर्याप्त ऑपरेटर उपलब्ध कराए जाएं, ताकि काम सही हो।
– मरीजों को परेशानी होती है तो वो हमसे विवाद करते हैं
जूडा अध्यक्ष डॉ. अरविंद मीणा ने बताया, तीन महीने में कई बार कॉलेज डीन और अस्पताल अधीक्षक को बताया गया। मरीजों को परेशानी होती है तो वे हमसे विवाद करते हैं। इसलिए एक दिन की हड़ताल कर रहे हैं।